राजस्थान में ऊंट किस ओर करवट लेगा, इसका अब तक किसी को कोई अंदाजा नहीं है. लेकिन इतना तो तय है कि गहलोत सरकार पर खतरे के बादल लगातार मंडरा रहे हैं. इसी बीच अब सचिन पायलट धड़े के एक विधायक ने ऐसा बयान दिया है, जो राजस्थान सरकार की चिंता को और बढ़ा सकता है. बागी विधायक हेमाराम चौधरी ने दावा किया है कि 10 से लेकर 15 विधायक उनके संपर्क में हैं.
जहां एक ओर अशोक गहलोत बार-बार गिनती कर बहुतम के आंकड़े की ओर देख रहे हैं, वहीं इसी बीच पायलट गुट की तरफ से ऐसा बयान आना काफी अहम है. बागी विधायक ने दावे में बताने की कोशिश की है कि वो सिर्फ 19 नहीं हैं, बल्कि उनके साथ कई और नाराज विधायक भी हैं. हेमाराम चौधरी ने कहा,
“अशोक गहलोत कैंप के 10 से 15 विधायक हमारे संपर्क में हैं. वो कह रहे हैं कि जब भी वो आजाद होंगे तो वो हमारी तरफ आ जाएंगे. अगर अशोक गहलोत बंदिशें हटा देते हैं तो मैं बता सकता हूं कि उस तरफ कितने विधायक रह जाएंगे.”
क्या है राजस्थान का नंबर गेम?
राजस्थान में गहलोत सरकार पर अभी किसी की सबसे ज्यादा नजर है तो वो बीजेपी है. बीजेपी को बस उस मौके की तलाश है, जब सरकार थोड़ी सी कमजोर दिखे और वो अपना पक्ष मजबूत करे. खुद राजस्थान बीजेपी चीफ कई बार इस बात को कह चुके हैं कि उनकी प्राथमिकता है कि राजस्थान सरकार सत्ता में न रहे. अब अगर बागी विधायक का ये दावा कुछ हद तक भी सच होता है तो ऐसे में नंबर गेम सबसे ज्यादा जरूरी है.
राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं. जिनमें से कांग्रेस के पास तोड़फोड़ से पहले तक अपने 107 विधायक थे. लेकिन पायलट समेत 19 विधायकों के चले जाने से अब कांग्रेस विधायकों की कुल संख्या 88 है. इसमें सीपीएम और भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो-दो विधायक और आरएलडी के एक विधायक को जोड़ दें तो आंकड़ा 93 तक पहुंच जाता है. लेकिन 13 निर्दलीय विधायकों में से 3 पायलट धड़े के बताए जा रहे हैं. ऐसे में अगर 10 निर्दलीय विधायकों को जोड़ लिया जाए तो 103 विधायक रह जाते हैं. अब ऐसे में गहलोत सरकार जादुई नंबर से सिर्फ 2 के आंकड़े से आगे है.
वहीं अगर बीजेपी की बात करें तो उसके पास 72 अपने और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायक हैं. यानी आंकड़ा 75 तक पहुंचता है. लेकिन अगर उस सूरत में देखा जाए, जब कांग्रेस के बागी विधायक और तीन निर्दलीय बीजेपी की तरफ आते हैं तो आंकड़ा 97 तक पहुंच जाएगा. जिसके बाद बीजेपी को सिर्फ 4 विधायकों की और जरूरत होगी. हालांकि अब तक तीन निर्दलीय विधायकों को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है.
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