राजस्थान (Rajasthan) के विधानसभा चुनावों से पहले एक बार फिर सचिन पायलट (Sachin Pilot) और सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) आमने सामने हैं. पायलट ने वसुंधरा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार पर एक्शन न लेने के खिलाफ अपनी ही सरकार के खिलाफ आज मंगलवार, 11 अप्रैल को अनशन शुरू कर दिया है. सचिन पायलट जयपुर के शहीद स्मारक पर अपना यह एक दिन का अनशन कर रहे हैं. अनशन स्थल पर सचिन पायलट के पीछे महात्मा गांधी का बैनर लगा हुआ है.
कांग्रेस ने कहा- यह पार्टी विरोधी गतिविधि
कांग्रेस ने सचिन पायलट को आज आनशन पर जाने के खिलाफ चेतावनी दी थी और इस कदम को "पार्टी विरोधी गतिविधि" कहा है. राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बयान जारी कर कहा:
"सचिन पायलट का एक दिन का अनशन पार्टी के हितों के खिलाफ और पार्टी-विरोधी गतिविधि है. अगर उनकी अपनी ही सरकार में कोई मसला है, तो इसे मीडिया और जनता के बीच ले जाने की बजाय पार्टी के मंचों पर उठाया जा सकता है. मैं पिछले पांच महीनों से एआईसीसी का प्रभारी हूं और पायलट जी ने मुझसे कभी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की. मैं उनसे संपर्क में हूं और अभी भी उनसे यही अपील करूंगा कि वो शांति से बात करें क्योंकि इसमें शक नहीं कि वो पार्टी के लिए बहुमूल्य हैं."
सचिन पायलट का भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बनाने के उनके प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
10 अप्रैल को अपने एक बयान में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि, "इस बात की जांच की जा रही है कि कैसे बीजेपी ने राजस्थान में हमारी चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश रची और हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश की."
उन्होंने आगे कहा कि, "यह कहना गलत है कि जांच नहीं हो रही है, क्योंकि जांच की जा रही है और अगर किसी को कोई शिकायत है, तो उसे एआईसीसी प्रभारी के संज्ञान में लाना चाहिए."
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