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समाजवादी पार्टी के साथ नहीं आएंगे शिवपाल,बोले-चैप्टर क्लोज हो गया

ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि मुलायम सिंह, शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच चल रहे मतभेद को दूर करा सकते हैं.

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लोकसभा चुनाव के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच चल रहे मतभेद को दूर करा सकते हैं. शिवपाल यादव की समाजवादी पार्टी में वापसी की भी अटकलें लगाई जा रही थीं. लेकिन अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को यहां कहा कि समाजवादी पार्टी (एसपी) के साथ अब उनका चैप्टर बंद हो गया है.

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‘लोकसभा चुनाव से पहले हमने की थी कोशिश’

शिवपाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा,

लोकसभा चुनाव से पहले हमने पहल की थी कि हमको भी गठबंधन में शामिल किया जाए. जब हमको अच्छा जवाब नहीं मिला तो हमने भी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए थे. इसलिए हमने समाजवादी पार्टी का चैप्टर बंद कर दिया है.

उन्होंने कहा कि अब तो समाजवादी पार्टी में शामिल होने या फिर उनके साथ कोई भी बात करने का सारा अध्याय बंद हो चुका है. शिवपाल ने घर वापसी के सवाल को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के किसी भी राजनीतिक दल में विलय की कोई संभावना नहीं है और "हमने तय किया है कि 2022 का विधानसभा चुनाव जोरदार तरीके से लड़ेंगे."

2022 में पूरे दमखम के साथ लड़ेंगे चुनाव

शिवपाल ने कहा, "हम और हमारी पार्टी विधानसभा उपचुनाव के साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव पर ध्यान दे रहे हैं. कई दलों के नेता हमारी पार्टी में शामिल होने के लिए संपर्क में हैं. समय आने पर उनको भी शामिल करेंगे. 2022 में हम उत्तर प्रदेश में सरकार बनाएंगे." यादव ने कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के निर्देश भी दिए. शिवपाल ने कहा,

लोकसभा चुनाव में तीन महीना पुरानी हमारी पार्टी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया. सीटें तो 100 साल पुरानी कांग्रेस और लंबे समय से उत्तर प्रदेश में राज करने वाली अन्य पार्टियों को भी नहीं मिलीं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में उन्होंने कहा, "प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद ईमानदार तथा मेहनती हैं. वह हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी मेहनत तथा ईमानदारी पर अफसरशाही पानी फेर रही है. यहां के अफसर बेलगाम तथा भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. इनकी संख्या इतनी अधिक है कि ये लोग मुख्यमंत्री के साथ उनके मंत्रियों के आदेश को भी किनारे लगा देते हैं."

उन्होंने कहा, "पुलिस के अधिकारियों की तो अपराधियों से सांठ-गांठ है. इसी कारण अपराध चरम पर है और सरकार को कानून-व्यवस्था के मामले में मात मिल रही है."

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