उत्तर प्रदेश के समाजवादी कुनबे में विधानसभा चुनाव 2017 से पहले शुरू हुई रार में अब नया अध्याय जुड़ गया है. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद आ रही परिवार में सुलह की खबरों के बीच चाचा-भतीजे की कड़वाहट सामने आ गई है. समाजवादी पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत जसवंतनगर विधानसभा सीट से विधायक शिवपाल सिंह यादव को अयोग्य करार दिए जाने की मांग की है.
बता दें, शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ तनातनी के बीच समाजवादी पार्टी की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था.
शिवपाल ने बना ली थी अलग पार्टी
पार्टी अध्यक्ष और भतीजे अखिलेश यादव के साथ तनातनी के बीच शिवपाल ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर अपनी परंपरागत सीट जसवंतनगर से चुनाव लड़ा था. हालांकि, इस दौरान वह कई मौकों पर अपनी पार्टी बनाने के संकेत देते रहे.
चुनाव जीतने के बाद आखिरकार शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी नाम से अपना अलग राजनीतिक दल बना लिया. इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थी कि अखिलेश यादव अपने चाचा को पार्टी से बाहर निकाल सकते हैं. लेकिन ना तो शिवपाल ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दिया और ना ही अखिलेश ने उन्हें निकाला.
लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के खिलाफ उतारे थे उम्मीदवार
इतना ही नहीं, शिवपाल ने लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार उतार दिए थे. इस वजह से लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. खुद शिवपाल ने अपने भतीजे और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव के खिलाफ फिरोजाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था.
लंबे इंतजार के बाद अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल को अयोग्य ठहराकर विधानसभा से बाहर करने का फैसला किया है.
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