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संभल भी मुरादाबाद मंडल की हवा के साथ बहा, इसलिए फेल BJP का 'जादू',SP का रहा काबू

संभल जनपद में 4 विधानसभा की सीटें हैं, जिसमें से विधानसभा चुनाव में SP ने 3 पर जीत हासिल की जबकि 1 पर BJP ने.

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UP CHUNAV SAMBHAL RESULT: उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में दूसरे चरण में मतदान हुआ था, जिसकी मतगणना 10 मार्च को हुई. संभल जनपद समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है, क्योंकि खुद मुलायम सिंह भी संभल से चुनाव लड़ चुके हैं, वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के परिवार के लोग संभल जनपद से चुनाव लड़ चुके हैं.

2022 विधानसभा चुनाव में एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के संभल जनपद से चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही थी, लेकिन बाद में अखिलेश यादव ने मैनपुरी जनपद में आने वाली सीट करहल से चुनाव लड़ा. संभल जनपद में रिजल्ट एसपी के पक्ष में 3-1 रहा. मुरादाबाद मंडल में आने वाले इस जिले में भी एसपी की वही फिजां रही जो मंंडल में छाई रही थी. इस मंडल के हर जिले में एसपी बीजेपी से उन्नीस साबित नहीं हुई.

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1 सीट पर बीजेपी, 3 पर एसपी

संभल जनपद में 4 विधानसभा की सीटें हैं, जिसमें से 2022 विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 3 पर जीत हासिल की, एक विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ने जीत हासिल की है.

आइये देखते हैं यहां किस विधानसभा से कौन जीता

संभल

  • इकबाल महमूद (एसपी) 1,07,073

  • राजेश सिंघल (बीजेपी) 65,376

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी इकबाल महमूद ने 40,697 वोटों से बीजेपी प्रत्याशी राजीव सिंघल को हराया.

असमोली

  • पिंकी सिंह (एसपी) 1,11,652

  • हरेंद्र कुमार (बीजेपी) 86,446

असमोली विधानसभा से सपा के प्रत्याशी पिंकी यादव ने बीजेपी प्रत्याशी को 25,206 वोटों से हराया.

गुन्नौर

  • राम खिलाड़ी (एसपी) 1,23,969

  • अजीत कुमार (बीजेपी) 94,440

बीजेपी के प्रत्याशी सिटिंग एमएलए अजीत कुमार को 29,295 वोटों से रामखिलाड़ी यादव ने हराया

चंदौसी

गुलाब देवी (बीजेपी) 1,12,890

विमलेश कुमारी (एसपी) 77,523

बीजेपी प्रत्याशी गुलाबो देवी ने एसपी प्रत्याशी विमलेश कुमारी को 35,367 वोटों से हराया.

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संभल में बीजेपी की हार के सियासी मायने

  • 1. एसपी की जीत का मुख्य कारण मुस्लिम बहुल इलाका है जहां पर एसपी के दिग्गज नेता खुद चुनाव लड़ चुके हैं. मुस्लिम बहुल जनपद होने के चलते एसपी का यहां अच्छा वोट बैंक है, मुलायम के जमाने से ही एसपी को इन वर्ग के वोट मिलते आए हैं. इसी फैक्टर के चलते समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने 4 में से 3 विधानसभाओं पर जीत हासिल की है.

  • 2. लगातार समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं ने संभल जनपद में प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाएं की थी, जिसका एक बड़ा असर भी वोटरों के ऊपर पड़ा है. इसी वजह से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने भारी मतों से जीत हासिल की है.

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  • 3. प्रदेश की बीजेपी सरकार में मंत्री रही गुलाबो देवी अकेली बीजेपी कैंडिडेट रही जो इस जनपद से जीती हैं. वह चंदौसी विधानसभा से विजयी हुई हैा. गुलाबों को एक ओर योगी के मंत्रिमंडल में होने का फायदा मिला, वहीं केंद्र सरकार की कई सारी योजनाओं का यहां लागू होना उनके काम आया. वह लगातार जनता के बीच रहती थीं और उनकी छवि कामों को करवाने वाली नेत्री की रही है. इस वजह से उन्हें जीत हासिल हुई है.

  • 4. मुरादाबाद मंडल के संभल जनपद को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. क्योंकि मुरादाबाद मंडल के सभी जनपदों में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने ज्यादातर विधानसभाओं में जीत हासिल की है. लगातार समाजवादी पार्टी की सक्रियता मुरादाबाद मंडल में रहती है. मुरादाबाद मंडल के रामपुर जनपद के रहने वाले आजम खान की गिनती एसपी के दिग्गज नेताओं में होती है. आजम खान लंबे समय तक मुरादाबाद मंडल के सभी जनपदों में सक्रिय रहे हैं. आजम खान ने मुरादाबाद मंडल के लिए कई काम किए हैं, जिसकी वजह से मुरादाबाद मंडल को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. मंडल की फिजां के साथ ही संभल जनपद भी चलता रहा है.

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ

संभल जनपद के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार मुजम्मिल दानिश से संभल जनपद को लेकर जानकारी ली गई तो मुजम्मिल दानिश ने बताया कि मुस्लिम बहुल इलाका होने के साथ ही संभल जनपद को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है, क्योंकि संभल जनपद से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव चुनाव में जीत हासिल करके मुख्यमंत्री बने थे. तभी से ये लगातार समाजवादी पार्टी का गढ़ बना हुआ है. यही वजह रही कि बीजेपी को यहां सिर्फ एक ही सीट मिल पाई.

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