शिवसेना और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच शिवसेना भवन के पास हुई झड़प पर संजय राउत का कहना है कि शिवसेना भवन को सिर्फ पार्टी के हेडक्वॉर्टर के तौर पर ही नहीं महाराष्ट्र के पहचान के तौर पर भी देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी को ये जानकारी मिली थी कि बीजेपी कार्यकर्ता भवन की तरफ आ रहे हैं और किसी को ‘हमें (शिवसेना) गुंडा होने का प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है, हम सर्टिफाइड गुंडे हैं.'
श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर लगे जमीन घोटाले के आरोपों पर सामना में संपादकीय लिखा गया था और बीजेपी से सवाल पूछे गए थे. ऐसे में नाराज भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता 16 जून को शिवसेना भवन का घेराव करने पहुंचे थे. पुलिस ने कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं को तो बीच में ही रोक लिया लेकिन कुछ शिवसेना भवन पहुंच गए, जिनकी भिड़ंत वहां पहले से ही मौजूद शिवसेना कार्यकर्ताओं से हुई.
ऐसा क्या था जो भड़क गई बीजेपी?
शिवसेना सांसद संजय राउत ने इस झड़प पर अपनी पार्टी की तरफ से सफाई देते हुए कहा कि अगर उनके परिसर पर कोई हमला करेगा तो वो चुप कैसे बैठ सकते हैं. इसी के साथ संजय राउत ने ये भी पूछा कि आखिर उस संपादकीय में ऐसा क्या था कि बीजेपी इतनी नाराज हो गई. वो कहते हैं कि आरोपों पर सिर्फ सफाई ही तो मांगी गई थी. बता दें कि श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर एक जमीन को लेकर घोटाले के आरोप समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी की तरफ से लगाए गए हैं. शिवसेना सांसद ने ये भी पूछा कि अगर श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट एक स्वायत्त संस्था है तो ये भी बताया जाना चाहिए कि बीजेपी की इसमें क्या भूमिका है.
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