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सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी से तमिलनाडु में NDA विरोधी मोर्चे को मिलेगा बढ़ावा?

Senthil Balaji को 13 जून को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया था और वो 28 जून तक न्यायिक हिरासत में हैं.

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने 16 जून को "विपक्षी एकता" का आह्वान करते हुए कहा, "पूरे भारत में विपक्ष का एक साथ आना 'निरंकुश' बीजेपी के ताबूत में अंतिम कील होगा."

मुख्यमंत्री तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की ED की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए कांग्रेस सहित DMK सहयोगियों द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे.

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बता दें कि तमिलनाडु के मंत्री बालाजी को 13 जून को गिरफ्तार कर लिया गया और 16 जून को कोयम्बटूर में विरोध सभा आयोजित की गई.

बालाजी को कैश-फॉर-जॉब घोटाले में गिरफ्तार किया गया है, जो 2015 में प्रकाश में आया था. उस समय बालाजी तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री थे.

सेंथिल बालाजी पर क्या है आरोप?

बालाजी और उनके सहयोगियों पर परिवहन विभाग में राज्य सरकार की नौकरी पाने के इच्छुक उम्मीदवारों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था. बालाजी को 2015 में जयललिता के मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था और बाद में 2020 में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) में शामिल हो गए. जबकि तमिलनाडु की केंद्रीय अपराध शाखा (CCB) द्वारा कैश-फॉर-जॉब्स घोटाले में एकत्र किए गए सबूत अभी भी मौजूद हैं.

13 जून को हुई बालाजी की गिरफ्तारी

ED ने 13 जून को उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के समय वह स्टालिन की सरकार में बिजली मंत्री थे.

BJP विरोधी भावना, DMK और कांग्रेस

कोयम्बटूर के कार्यक्रम में बोलते हुए, विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) नेता थोल थिरुमावलवन ने कहा, “DMK और उसके सहयोगी राहुल गांधी का समर्थन करते रहे हैं, यह गिरफ्तारी बीजेपी सरकार (केंद्र) की डीएमके पर शिकंजा कसने की कोशिश है, जो राहुल गांधी का समर्थन करती है, जो देश का अगला पीएम बनने में सक्षम हैं."

थिरुमावलन की बयानबाजी टारगेट से थोड़ी दूर हो सकती है क्योंकि देश में राहुल गांधी की स्वीकार्यता रेटिंग अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कम है. लेकिन बैठक की ओवरऑल भावना बीजेपी विरोधी मोर्चे के लिए समर्थन की प्रतिज्ञा थी. यह एक ऐसी रणनीति थी, जिसने 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करने से पहले DMK और उसके सहयोगियों के लिए काम किया था.

ममता-चंद्रबाबू को नहीं मिला था लाभ

वैसे तृणमूल कांग्रेस (TMC) की ममता बनर्जी और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के एन चंद्रबाबू नायडू जैसे राजनीतिक खिलाड़ियों को 2019 में BJP विरोधी मोर्चे में सबसे आगे रहने से बड़े पैमाने पर लाभ नहीं हुआ था.

DMK और उसके सहयोगियों ने राज्य की 37 लोकसभा सीटों में से 31 सीट पर जीत हासिल की थी. इसके विपरीत, टीएमसी की सीटों की संख्या 34 से घटकर 22 हो गई थी और टीडीपी को आंध्र प्रदेश की 25 में से केवल तीन सीटों पर जीत मिली थी.

DMK को लाभ की उम्मीद

DMK सूत्रों की मानें तो, पार्टी को उम्मीद है कि बालाजी की गिरफ्तारी से तमिलनाडु में बीजेपी विरोधी भावना को बढ़ावा मिलेगा, जहां भगवा पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई, पिछले कुछ महीनों से लगातार डीएमके पर हमलावर है.

DMK के एक सूत्र ने द क्विंट से बात करते हुए आत्मविश्वास से कहा, "तमिलनाडु में, लोगों की भावना अभी भी बड़े पैमाने पर राज्य के अधिकारों के उल्लंघन के केंद्र के प्रयास के खिलाफ है. एक मौजूदा मंत्री को गिरफ्तार करने वाला ईडी केवल इस गुस्से को मजबूत करने वाला है और DMK और कांग्रेस जैसे हमारे सहयोगी इससे लाभान्वित हो सकते हैं, क्योंकि हमारा ध्यान हमेशा राज्यों की स्वायत्तता हासिल करने के केंद्र के प्रयासों पर लगाम लगाने पर रहा है."

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भ्रष्टाचार के बादल

हालांकि, DMK के विरोध को तमिलनाडु में व्यापक समर्थन नहीं मिला, क्योंकि बालाजी के खिलाफ मामला भ्रष्टाचार से संबंधित है. दरअसल, सेंथिल बालाजी वास्तव में भ्रष्टाचार के दोषी थे, इसकी व्यापक चर्चा सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में की गई है.

डीएमके की परेशानी में इजाफा करने के लिए, हाल ही में BJP की राज्य इकाई ने पूर्व वित्त मंत्री पी थियागा राजन के ऑडियो क्लिप जारी किए, जिसमें एमके स्टालिन के परिवार पर पार्टी के फंड की जमाखोरी का आरोप लगाया गया था.

सूत्रों ने कहा कि इन कथित क्लिप के जारी होने के तुरंत बाद भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आना, द्रविड़ पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं है, जो राज्य में सत्ता में है.

डीएमके के करीबी एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा, "यह व्यापक रूप से ज्ञात है कि केंद्र गैर-सरकारी राज्य सरकारों पर लगाम लगाने के लिए राज्यपालों और केंद्रीय प्रवर्तन एजेंसियों दोनों का उपयोग करता है. लेकिन घोटाले में बालाजी की संलिप्तता पर आम सहमति है और इससे उनके मामले में मदद नहीं मिली है. ये मंत्री का समर्थन करने वाली डीएमके सरकार पर दाग लगा सकती है."

ईडी ने बीमार बालाजी की गिरफ्तारी से पहले 16 घंटे तक उनसे पूछताछ की और जनता की सहानुभूति बालाजी ने बटोरी. जैसा कि उनका इलाज कर रहे सरकारी डॉक्टरों ने भी कोरोनरी बाईपास सर्जरी की सिफारिश की थी, लोग काफी हद तक मंत्री की दुर्दशा के प्रति सहानुभूति रखते थे.

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तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने मंत्री के विभागों को किसी अन्य मंत्री को ट्रांसफर करने की अनुमति देने से इनकार करते हुए बालाजी की गिरफ्तारी में केंद्र की संलिप्तता पर भी सवाल उठाए हैं.

DMK के एक सूत्र ने कहा, "बालाजी की गिरफ्तारी ने तमिलनाडु सरकार को CBI से सामान्य सहमति वापस लेने के लिए प्रेरित किया है, एक अन्य जांच एजेंसी जिसका उपयोग केंद्र द्वारा विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है. भविष्य में, DMK राज्यों को नुकसान पहुंचाने वाले केंद्र के कठोर उपायों के खिलाफ अपने विरोध को मजबूत करेगी."

सेंथिल बालाजी के साथ DMK

क्या बालाजी की गिरफ्तारी डीएमके को नुकसान पहुंचा सकती है या मदद कर सकती है? यह अभी भी ज्ञात नहीं है. हालांकि, यह तय है कि DMK ने सेंथिल बालाजी के साथ अच्छे और बुरे में खड़े होने का फैसला किया है.

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