एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) पर शिवसेना नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत गीते (Anant Geete) ने बड़ा जुबानी हमला किया है. अनंत गीते ने कार्यकर्ताओं के सामने भाषण में शरद पवार का नाम लिए बिना कहा कि जिन्होंने अपनी पार्टी बनाने के लिए कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा, वो हमारे गुरु नहीं हो सकते हैं.
गृह क्षेत्र रायगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गीते ने महाराष्ट्र के मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन को केवल एक राजनीतिक एडजस्टमेंट करार दिया.
“बालासाहेब की जगह वो नहीं ले सकते हैं. मौजूदा सत्ता केवल एक राजनीतिक एडजस्टमेंट है. आज है कल टूट भी सकती है. मेरा ये नहीं कहना है की टूटे, इसका फैसला बड़े लोग करेंगे. लेकिन हमें अपनी पार्टी की ताकत बढ़ाने की आवश्यकता है. गठबंधन का विचार ना करें. अपना घर, अपनी पार्टी, जिला और ग्राम पंचायत संभालनी है. राज्य में क्या करना है वो बड़े नेता देख लेंगे.”अनंत गीते
एनसीपी सांसद सुनील तटकरे का पलटवार
शरद पवार पर अनंत गीते के जुबानी हमले के बाद एनसीपी सांसद सुनील तटकरे ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि “उद्धव ठाकरे को जब सीएम बनाने की बात तय हुई तब होटल में अनंत गीते ने पवार साहब के पैर छुए थे. मैं खुद इस बात का गवाह हूं."
“पिछले दिनों जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शिवसेना को लेकर कहा था कि शिवसेना ने पीठ में छुरा घोंपा, तो इस पर अनंत गीते ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. अनंत गीते का कोई अस्तित्व नहीं बचा है. निराश भावना के तहत गीते ऐसा बयान दे रहे हैं.”एनसीपी सांसद सुनील तटकरे
बीजेपी से मिला अनंत गीते को समर्थन
वहीं महाराष्ट्र में बीजेपी ने अनंत गीते के बयान को भुनाना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने अनंत गीते के बयान का समर्थन किया. चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि ये सरकार और गठबंधन अनैतिक है ये शिवसेना के नेता भी जानते हैं. अनंत गीते बड़े नेता हैं, कुछ सोचकर ही बोला होगा.
“जो संजय राउत कहते थे कि पवार ने कोई खंजर नही घोंपा. उन्हें याद नहीं अब, उन्हें उन्हीं के नेता ने याद दिलाया है”चंद्रकांत पाटिल
यह पार्टी का बयान नहीं है- संजय राउत
पार्टी के लिए बिन मांगे परेशानी बने इस बयान पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने पल्ला झाड़ा है. न्यूज एजेंसी ANI को से बात करते हुए उन्होंने कहा कि,
“मुझे नहीं पता कि अनंत गीते ने क्या कहा है, मैं केवल इतना कहूंगा कि शरद पवार एक बड़े नेता हैं, वो महाराष्ट्र में सरकार के मुख्य स्तंभ हैं. यह किसी की निजी राय हो सकती है लेकिन यह पार्टी का बयान नहीं है”
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)