नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार ने केंद्र सरकार को आर्टिकल 371 खत्म करने की चुनौती दी है. बता दें, आर्टिकल 371 पूर्वोत्तर के राज्यों को वैसे ही स्पेशल स्टेटस देती है जैसे आर्टिकल 370 में जम्मू-कश्मीर को मिला हुआ था.
महाराष्ट्र में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. एनसीपी के कई नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. इन सबके बीच पहली बार पवार आक्रामक नजर आए.
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर पवार ने कहा कि सरकार को वहां के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था.
‘अब आर्टिकल 371 का क्या? आप पूर्वोत्तर के राज्यों से उसको क्यों नहीं हटा रहे? उसे हटाओ हम आपको सपोर्ट करेंगे...फिर हमारे लोग भी वहां जमीन खरीद पाएंगे. सिर्फ कश्मीर क्यों? वो(बीजेपी) ऐसा सिर्फ अल्पसंख्यकों के साथ ही कर रहे हैं अल्पसंख्यकों में खौफ पैदा करना चाहते हैं.’शरद पवार, एनसीपी अध्यक्ष
पाकिस्तान के लोगों पर नहीं हो रहे जुल्मः पवार
शरद पवार ने बीजेपी पर हमलावर होकर कहा, ''मैं पाकिस्तान गया हूं वहां रहने वाले लोगों के रिश्तेदार यहां रहते हैं और वो मिलना चाहते हैं वैसे ही यहां के लोग भी मिलना चाहते हैं. यहां के लोग कहते हैं कि पाकिस्तान में लोगों पर जुल्म हो रहा है और वो खुशहाल नहीं हैं. ये सब राजनीतिक फायदे के लिए कहा जाता है. जो सत्ता में हैं वो राजनीतिक फायदे के लिए झूठी खबरें फैलाते हैं.''
शरद पवार ने वंचित बहुजन अघाड़ी को भी निशाने पर लेते हुए कहा, ‘‘मार्केट में नई पार्टी आई है ‘वंचित पार्टी’ जो कांग्रेस को सपोर्ट तो करती है लेकिन बीजेपी के लिए काम करती है.’’
धारा 371 को कोई छुएगा भी नहीं: अमित शाह
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 8 सितंबर को कहा कि केन्द्र पूर्वोत्तर के लिए विशेष प्रावधान करने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371 को नहीं छुएगा और किसी भी अवैध प्रवासी को क्षेत्र में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
‘‘जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद पूर्वोत्तर के लोगों को गलत जानकारी देने और गुमराह करने के प्रयास किए जा रहे है कि केन्द्र अनुच्छेद 371 को भी हटायेगा. मैंने संसद में स्पष्ट किया है कि ऐसा नहीं होने जा रहा है और मैं आज पूर्वोत्तर के आठ मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में फिर से यह कह रहा हूं कि कि दोनों अनुच्छेद अलग हैं और केन्द्र अनुच्छेद 371 को नहीं छुएगा.’’अमित शाह, गृह मंत्री
शाह ने पूर्वोत्तर परिषद के 68वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि धारा 370 अस्थाई प्रावधानों के संदर्भ में था जबकि अनुच्छेद 371 विशेष प्रावधानों के संदर्भ में है, दोनों के बीच काफी अंतर है.
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