महाराष्ट्र की सियासी 'महा-उठपटक' के बीच एक शख्स गायब चल रहा है. नाम है- प्रफुल्ल पटेल. शरद पवार के करीबी सहयोगी प्रफुल्ल पटेल राजनीतिक परिदृश्य में एक्टिव नहीं दिख रहे हैं.
प्रफुल्ल पटेल ट्विटर पर पिछले दो दिनों से एक्टिव नहीं है. उन्होंने 22 नवंबर को फुटबॉल को लेकर ट्वीट किया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने अजित पवार के पार्टी से विद्रोह पर कुछ नहीं कहा.
अजित पवार को मनाने की तीन कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं. इसमें दो शनिवार को की गईं, जिसमें दिलीप वलसे पाटिल और हसन मुशरीफ ने उनसे मुलाकात की थी और एक कोशिश रविवार को की गई. रविवार को शरद पवार ने जयंत पाटिल को उनके पास भेजा था.
जांच से बचने के लिए प्रफुल्ल पटेल शांत हैं?
शरद पवार ऐसी बातचीत के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल पर ज्यादा निर्भर रहते हैं. प्रफुल्ल पटेल एयर इंडिया घोटाले और सीजेय हाउस विवाद में जांच का सामना कर रहे हैं. एनसीपी के एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा है कि घोटाले में जांच से बचने के लिए वह शांत हैं. जबकि एक अन्य व्यक्ति ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा कि जब शरद पवार खुद सारा मामला संभाल रहे हैं तो किसी और की क्या जरूरत है.
वहीं पार्टी के कुछ लोगों का कहना है कि प्रफुल्ल पटेल को अजित पवार के विद्रोह की भनक लगी थी लेकिन उन्होंने पार्टी को समय पर जानकारी नहीं दी. एनसीपी नेता उन्हें लेकर चौकन्ना हैं.
क्या है सीजे हाउस विवाद
पूर्व केंद्रीय नागर विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी इकबाल मिर्ची से कथित संबंधों के चलते ईडी जांच कर रही है. ईडी के दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि पटेल और उनकी पत्नी की ओर से प्रमोटेड कंपनी मिलेनियम डेवलपर्स ने कथित रूप से मिर्ची के स्वामित्व वाली जमीन पर 15 मंजिल की इमारत बनाई.
भारत और ब्रिटेन में मिर्ची की संपत्तियों की लिस्ट के अनुसार, सीजे हाउस का निर्माण 2006-07 में मिर्ची और मिलेनियम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त उद्यम के तहत किया गया था. 2007 में इमारत के तीसरे और चौथे तल को मिलेनियम डेवलपर्स ने मिर्ची के परिवार को दे दिया. पटेल और उनकी पत्नी के मिलेनियम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में काफी शेयर हैं.
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