एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि हालिया उपचुनावों में बीजेपी का खराब प्रदर्शन कोई छोटी चीज नहीं है. उन्होंने भगवा दल के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एक साथ आने को कहा है.
इन सभी दलों को एकसाथ एक मंच पर लाने के लिए पवार ‘सूत्रधार’ की भूमिका निभाने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट करने में उन्हें खुशी होगी.
जैसे इंदिरा को हटाया, वैसे ही इस सरकार को हटाया जाए
पवार ने कहा कि देश में 1977 जैसी हालात है जब विपक्षी दलों के गठबंधन ने इंदिरा गांधी को सत्ता से बेदखल कर दिया था. उन्होंने कहा, पिछले कुछ समय में हुए ज्यादातर उपचुनाव परिणाम सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ गए. यह कोई मामूली बात नहीं है.
उन्होंने कहा, पहले भी ऐसा होता रहा है, जब जब उपचुनावों में मिली हार का नतीजा उस समय की मौजूदा सरकार की हार के रूप में निकला.
‘‘लोकतंत्र में विश्वास करने वाले और साझा न्यूनतम कार्यक्रम रखने वाले बीजेपी विरोधी दलों को लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखना चाहिए और एक मंच पर आगे आना चाहिए.’’शरद पवार, एनसीपी प्रमुख
‘राज्यों में आम सहमति बनाने की जरूरत’
उन्होंने कहा कि राज्यों में मजबूत मौजूदगी रखने वाले दलों जैसे कि केरल में लेफ्ट, कर्नाटक में जेडीएस, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र में कांग्रेस, आंध्र प्रदेश में टीडीपी, तेलंगाना में टीआरएस, पश्चिम बंगाल में टीएमसी और महाराष्ट्र में एनसीपी को एक आम सहमति बनाने की जरूरत है.
पिछले हफ्ते विपक्षी दल लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में 14 सीटों में से 11 पर विजयी बनकर उभरे थे. सत्तारूढ़ पार्टी और इसके सहयोगी तीन सीटों तक सिमटकर रह गए थे.
शिवसेना को भी साथ आने का दिया ऑफर
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने एनडीए की सहयोगी शिवसेना को भी साथ आने का ऑफर दिया है. पवार ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से कहा है कि बीजेपी भले ही पालघर उपचुनाव जीत गई हो, लेकिन बीवीए, शिवसेना और लेफ्ट के वोट एक साथ मिला लिए जाए तो ये वोट बीजेपी को मिले वोट से कहीं ज्यादा हैं. उन्होंने कहा है कि बीजेपी विरोधियों को जनता का मूड देखते हुए साथ आने की जरूरत है.
‘सत्ता का हो रहा है दुरुपयोग’
एनसीपी प्रमुख ने आरोप लगाया है कि सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा "मैंने बहुत से चुनाव देखे हैं, लेकिन सत्ता का ऐसा दुरुपयोग कहीं नहीं देखा. जिला प्रशासन महाराष्ट्र में भंडारा-गोंदिया उपचुनाव से पहले शनिवार और रविवार को बैंक खुले रखने का आदेश देता है जिससे कि मतदान से पहले वोटरों को पैसे दिए जा सके."
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