शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को आज जमानत मिल और वे इसके कुछ घंटों के बाद आर्थर रोड जेल से बाहर आ गए. उन्हें PMLA कोर्ट ने जमानत दे दी है. संजय राउत को पात्रा चॉल भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने 31 जुलाई को राउत के ठिकानों पर छापा मारा था और अगले दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया था, संजय राउत 101 दिन से जेल में हैं. हालांकि ऐसी अटकलें हैं कि ईडी इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देगा.
किस केस में हुई थी गिरफ्तारी? संजय राउत की गिरफ्तारी पात्रा चॉल लैंड स्कैम केस में हुई थी. उनपर करीब 1034 करोड़ के घोटाले का आरोप है. ईडी के मुताबिक मुंबई पश्चिमी उपगनर के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर के पात्रा चॉल के 47 एकड़ जमीन पर 672 परिवारों के घरों के पुनर्विकास के लिए साल 2007 में सोसायटी द्वारा महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंड अथॉरिटी (MHADA) और गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था. करार के तहत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला. इस करार के तहत कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर MHADA को देने थे. उसके बाद बची हुई जमीन प्राइवेट डेवलपर्स को बेचनी थी.
गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन, हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सहायक कंपनी है. एचडीआईएल पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक में लगभग 4,300 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के संबंध में ईडी और कुछ अन्य एजेंसियों द्वारा जांच के दायरे में है.
जांच में क्या मिला? ईडी के मुताबिक पात्रा चॉल घोटाले से प्रवीण ने 95 करोड़ रुपये कमाए और वह पैसा अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को बांटा था. इसमें से करीब 83 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में आए थे. फिर 55 लाख रुपये की राशि संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत ने माधुरी राउत को वापस ट्रांसफर कर दी थी.
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