महाराष्ट्र में जारी सियासी रस्साकशी के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है. गडकरी ने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच भावी गठबंधन को ‘मौकापरस्ती’ करार देते हुए कहा है कि अगर वे महाराष्ट्र में सरकार बना भी लेते हैं, तो यह छह महीने से ज्यादा नहीं चलेगी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में, उन्होंने कहा कि "वैचारिक मतभेद" के बावजूद इन तीनों दलों ने सिर्फ बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए गठबंधन किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
अवसरवाद उनके गठबंधन का आधार है. बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के एकमात्र मकसद से तीनों दल एकजुट हुए हैं. मुझे संदेह है कि क्या यह सरकार बनेगी ? और अगर यह सरकार बन भी गई, लेकिन यह आगे चलेगी नहीं. ज्यादा से ज्यादा यह सरकार छह से आठ महीने चलेगी.नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री
बता दें, महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की बातचीत आखिरी दौर में है. लंबे समय से बीजेपी की सहयोगी रही शिवसेना ने राज्य चुनाव के नतीजों के बाद गठबंधन तोड़ लिया था. बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन टूटने की वजह ‘मुख्यमंत्री पद’ बना.
यह पूछे जाने पर कि क्या गठबंधन टूटने की स्थिति में बीजेपी सरकार बनाने की कोशिश करेगी, गडकरी ने कहा कि ऐसी परिस्थितियां पैदा होने पर पार्टी अपनी भविष्य की रणनीति तय करेगी.
“समझ से परे है शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी का गठबंधन”
नितिन गडकरी ने यह कहते हुए चुटकी ली कि "क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है". उन्होंने कहा कि यह उनकी समझ से परे है कि तीनों दल भारी वैचारिक मतभेदों के बावजूद सरकार बनाने के लिए गठबंधन क्यों बनाएंगे.
उन्होंने कहा कि शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन का आधार ‘हिंदुत्व’ था.
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