"उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) या महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे((Eknath Shinde)- शिवसेना (Shiv Sena) किसकी है?"- सुप्रीम कोर्ट में इस समय इसी सवाल का जवाब खोजने सुप्रीम कोर्ट में CJI एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हेमा कोहली की बेंच ने बुधवार, 3 अगस्त को दोनों पक्ष की याचिकाओं पर सुनवाई की. उद्धव ठाकरे गुट ने सुनवाई के दौरान एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले पार्टी के समूह पर " पार्टी विरोधी रुख को सही ठहराने के लिए नकली कथा गढ़ने" का आरोप लगाया है. उद्धव ठाकरे की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि एकनाथ शिंदे गुट मूल पार्टी होने का दावा नहीं कर सकते. CJI ने सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी है.
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने कहा कि
"आप यह दावा नहीं कर सकते कि आप ही राजनीतिक पार्टी हैं. और आप कहते हैं कि आप गुवाहाटी में बैठी राजनीतिक पार्टी हैं. राजनीतिक पार्टी चुनाव आयोग द्वारा तय किया जाता है. आप गुवाहाटी में बैठने की घोषणा नहीं कर सकते.
उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि एकनाथ शिंदे खेमे के लिए एकमात्र रास्ता बीजेपी के साथ विलय है, जिसका वे दावा नहीं कर रहे हैं. दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे गुट की ओर से पेश हुए हरीश साल्वे ने कहा कि "भारत में, हम कुछ नेताओं को ही राजनीतिक पार्टी मान लेते हैं. मैं (एकनाथ शिंदे) शिवसेना से संबंधित हूं. मेरे मुख्यमंत्री ने मुझसे मिलने से इनकार कर दिया ... मैं सीएम का बदलाव चाहता हूं. यह एंटी-पार्टी नहीं यह इंट्रा-पार्टी है"
"अगर बड़ी संख्या में विधायक,जो मुख्यमंत्री के काम करने के तरीके से संतुष्ट नहीं हैं और बदलाव चाहते हैं, तो वे यह क्यों नहीं कह सकते कि नए नेतृत्व की लड़ाई होनी चाहिए?"एकनाथ शिंदे गुट के वकील हरीश साल्वे
हरीश साल्वे ने यह दलील दी कि एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने पार्टी की सदस्यता नहीं छोड़ी है और किसी बैठक में शामिल नहीं होने की तुलना सदस्यता छोड़ने से नहीं की जा सकती. एकनाथ शिंदे गुट की ओर से ही पेश वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि नई सरकार इसलिए नहीं आई क्योंकि मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) फ्लोर टेस्ट में हार गए थे, बल्कि इसलिए कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
CJI रमना ने केस में शामिल कानूनी मुद्दों को अंतिम रूप देने के लिए मामले को कल के लिए स्थगित कर दिया. अब इस मामले पर कल सुनवाई होगी.
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