शिवपाल सिंह यादव ने नई पार्टी बना ली है. शिवपाल ने इसका ऐलान करते हुए कहा है कि उन्होंने समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा नाम से नई पार्टी बना ली है. जिन लोगों को समाजवादी पार्टी में सम्मान नहीं मिल रहा है वे उनके साथ आ सकते हैं. शिवपाल ने कहा कि वह अपने साथ और भी छोटी पार्टियों को जोड़ेंगे.
राजनीतिक भविष्य की तलाश में थे अखिलेश
समाजवादी पार्टी पर अखिलेश यादव के एकाधिकार के बाद हाशिये पर चल रहे शिवपाल सिंह यादव पिछले काफी अरसे अपना राजनीतिक भविष्य तलाशने में लगे थे. उनके सहयोगियों का कहना था कि समाजवादी पार्टी में शिवपाल को बिल्कुल दरकिनार रखा गया. ऐसे में अलग पार्टी बनाने का उनका फैसला बिल्कुल जायज है. दरअसल मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव दोनों लगातार ये कहते आए हैं कि समाजवादी पार्टी में उनका सम्मान नहीं होता.
यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में अंदरूनी झगड़ा काफी बढ़ गया गया था. एक तरफ मुलायम सिंह यादव और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव थे तो दूसरी ओर अखिलेश यादव. लंबे चले झगड़े के बाद अखिलेश यादव का पार्टी पर कब्जा हो गया. अखिलेश पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए और मुलायम सिंह यादव को इसका संरक्षक बना दिया.
शिवपाल सिंह उसके बाद से पार्टी में सहज महसूस नहीं कर रहे थे. बीच में उनके कांग्रेस में जाने के कयास लगाए जा रहे थे. कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना था कि शिवपाल को पार्टी में शामिल कर लेना चाहिए ताकि यूपी में उनके जनाधार का लाभ मिल सके.
लोकसभा चुनाव से पहले शिवपाल का यह कदम समाजवादी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है. यूपी की कुछ सीटों पर शिवपाल का अपना आधार है. समाजवादी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के बीच शिवपाल लोकप्रिय भी हैं. शिवपाल ने अपने कार्यकर्ताओं को अलग पार्टी बनाने के संकेत दे दिए थे. अब उन्होंने अलग पार्टी का ऐलान कर अपने इरादे जता दिए हैं.
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