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नोटबंदीः सरकार ने कहा-सहयोगी दल साथ, शिवसेना ने अलापा अलग राग

नोटबैन के फैसले पर शिवसेना का वार, कहा- देश में फैली वित्तीय अराजकता.

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सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एनडीए की मीटिंग हुई. मीटिंग के बाद बीजेपी नेता अनंत कुमार ने कहा कि नोटबैन को लेकर एनडीए के सभी सहयोगियों ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है. करप्शन और काले धन के खिलाफ सरकार के कदम को एनडीए के सभी सहयोगी दलों ने सही ठहराया है.

लेकिन केंद्र और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एनडीए सरकार में शामिल शिवसेना इस फैसले को लेकर अलग ही राग अलापती दिख रही है.

‘नोटबैन जनता के साथ धोखा’

शिवसेना ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने को जनता के साथ धोखा करार देते हुए सोमवार को सवाल किया कि, क्या जनता अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करेगी? शिवसेना ने सरकार के 8 नवंबर के गोपनीय मिशन की तुलना एक आर्थिक गृहयुद्ध से की, और कहा कि मोदी नोटबंदी के जरिए पहले ही एक बम गिरा चुके हैं.

मुखपत्र के जरिए उठाए सवाल

शिवसेना के मुखपत्र सामना और दोपहर का सामना में छपे एक एडिटोरियल लेख में मोदी के उस दावे पर सवाल उठाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि देश की जनता ने नोटबंदी के लिए उन्हें आशीर्वाद दिया है.

शिवसेना ने कहा है कि दरअसल, जिन लोगों ने उन्हें 2014 में आशीर्वाद दिया और वोट देकर सत्ता में पहुंचाया, उनके साथ यह धोखा है.

लेख में छपी बातें..

  • एक झटके में सरकार ने 125 करोड़ जनता को काला धन की बलिवेदी पर कुर्बान कर दिया. क्या सभी भ्रष्ट और काला धन रखने वाले हैं? कितने ऐसे हैं, जो कतारों में अवैध 500 और 1000 रुपये के बंडल लेकर खड़े हैं?
  • मुट्ठीभर उद्योगपतियों से काला धन निकालने के लिए मोदी सरकार ने 125 करोड़ जनता को सड़क पर खड़ा कर दिया है. वे अपने खुद के पैसों के लिए बैंकों, एटीएम के सामने कतार लगाए हुए हैं. घंटों बगैर भोजन-पानी के अपनी बारी के लिए इंतजार कर रहे हैं, और कुछ तो इस प्रक्रिया में मर भी गए.
  • सड़कें खाली हैं, पेट्रोल पंप सूखे पड़े हैं, बाजार वीरान हैं, मजदूरों के पास काम नहीं है. लेकिन वे असहायों, हारे लोगों को सलाम कर रहे हैं. यह नागरिकों और उनकी देशभक्ति का अपमान है.
  • कालेधन के कैंसर के खिलाफ हम आप के साथ हैं. लेकिन इस जल्दबाजी में 500 और 1000 रुपये के लिए आम जनता को सड़कों पर धकेला गया है, क्या वे इस पर भी आपको समर्थन करेंगे?
पार्टी ने सवाल दागते हुए कहा- सरकार कहती है कि काला धन बाहर आ जाएगा, लेकिन कैसे? देश का काला धन चंद लोगों के हाथों में है और वह विदेशी बैंकों में सुरक्षित है. उस काले धन के बारे में क्या, जो 2014 के चुनाव में खर्चा गया?

शिवसेना ने कहा कि वह ब्लैक मनी के खिलाफ उठाए जाने वाले कदम के साथ है, लेकिन जिस तरीके से मोदी सरकार ने इस योजना को लागू किया है, उससे देश में आर्थिक अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है.

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