संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मोदी सरकार 2 के फ्यूचर प्लान की एक झलक दिखाई. मोदी सरकार ने आने वाले पांच सालों में देश के सभी वर्गों और क्षेत्रों का जिक्र किया. पीएम मोदी के इस फ्यूचर प्लान में 5 जुलाई को पेश होने वाले बजट की भी झलक दिखी. जानिए बजट में किन मुद्दों पर हो सकता है मोदी सरकार का फोकस.
व्यापारियों को मिल सकती है राहत
नई मोदी सरकार के पहले बजट में छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. राष्ट्रपति के संबोधन में कारोबारियों का जिक्र किया गया. इसमें कहा गया, छोटे व्यापारियों के लिए नई पेंशन योजना शुरू हुई है और व्यापारियों के लिए राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति बनाई जाएगी. इसके अलावा एमएसएमई सेक्टर से जुड़े कारोबारियों के लिए भी अच्छे संकेत दिखे. राष्ट्रपति ने कहा-
एमएसएमई सेक्टर से जुड़े कारोबारियों के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज का दायरा 1 लाख करोड़ तक बढ़ाने का काम किया जा रहा है, जिससे व्यापारियों को काफी मदद मिलेगी.
- देश के करीब 3 करोड़ छोटे दुकानदारों के लिए अलग पेंशन योजना को मंजूरी दे दी गई है.
- व्यापारियों के लिए बिना गारंटी 50 लाख रुपये तक के लोन की योजना भी लाई जाएगी.
- छोटे व्यापारियों के लिए जल्द नेशनल ट्रेडर्स वेल्फेयर बोर्ड का गठन किया जाएगा.
- जीएसटी के अंतगर्त रजिस्टर्ड व्यापारियों को 10 लाख रुपये तक का एक्सीडेंट इंश्योरेंस दिया जाएगा.
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर
मोदी सरकार अपने पहले बजट में युवाओं को भी बड़ी सौगात दे सकती है. पिछले कुछ समय से चरम तक पहुंची बेरोजगारी को देखते हुए इस बजट में राहत देने की कोशिश जरूर हो सकती है. संसद में राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार का लक्ष्य 2024 तक देश में 50 हजार स्टार्टअप स्थापित करना है. इसके अलावा उच्च शिक्षा में सीटों की संख्या को डेढ़ गुना करने की भी बात कही गई.
छोटे किसानों के लिए भी संकेत
छोटे किसानों को भी बजट में कोई खास तोहफा दिया जा सकता है. पीएम मोदी पहले ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को देश के हर किसान के लिए लागू करने की बात कह चुके हैं. राष्ट्रपति के संबोधन में किसानों के पशुओं के इलाज में होने वाले खर्च से निपटने के लिए भी योजना शुरू करने की बात कही गई. राष्ट्रपति ने कहा-
पशुधन किसानों के लिए बहुमूल्य है. जानवरों से जुड़ी बीमारियों में किसानों का बहुत पैसा खर्च होता है. इससे खर्च को कम करने के लिए सरकार ने 13 हजार करोड़ रुपये की राशि से एक विशेष योजना शुरू करने का भी फैसला लिया है
- कृषि क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए आने वाले सालों में 25 लाख करोड़ रुपये का और निवेश किया जाएगा
- 2022 तक किसान की आय दोगुनी करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और उठाए जाएंगे
- ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना को देश के हर एक किसान के लिए उपलब्ध कराने का फैसला
- किसानों को 60 साल की उम्र के बाद ‘पेंशन योजना’को स्वीकृति दी जा चुकी है
- ‘ग्रामीण भंडारण योजना’ के तहत किसानों को भंडारण की सुविधा दी जाएगी
- जानवरों से जुड़ी बीमारी के इलाज के लिए 13 हजार करोड़ की राशि से एक विशेष योजना शुरू की जाएगी
- किसानों का फायदा पहुंचाने के लिए 10 हजार नए‘किसान उत्पादक संघ’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है
- सरकार ‘ब्लू रिवोल्यूशन’यानी ‘नीली क्रांति’ के लिए प्रतिबद्ध है
- मछली पालन के लिए एक अलग विभाग गठित किया गया है
गरीबों के लिए हो सकता है बड़ा ऐलान
नई मोदी सरकार में गरीबों के लिए भी कोई बड़ा ऐलान संभव है. बजट में गरीबों और पिछड़े वर्ग के लिए आवास और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं पर जोर दिया जा सकता है. इसली झलक राष्ट्रपति के संबोधन में भी नजर आई. राष्ट्रपति ने कहा, ‘सरकार ने गरीब, वंचित और कमजोर वर्गों को आवास, शिक्षा, कौशल, स्वास्थ्य और स्वरोजगार के जरिए सशक्त करने का मार्ग अपनाया है. देश के 112 मॉडल जिलों के विकास के लिए व्यापक स्तर पर कार्य हो रहा है. इन जिलों में देश के सबसे पिछड़े 1 लाख 15 हजार गांव हैं.’
महिला सशक्तिकरण पर जोर
मोदी सरकार के बजट में महिलाओं के लिए भी कुछ खास हो सकता है. राष्ट्रपति के संबोधन में महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया. राष्ट्रपति ने कहा, ‘सरकार की ये सोच है कि न केवल महिलाओं का विकास हो, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास हो. महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों के लिए नए दंड प्रावधानों क सख्ती से लागू किया जा रहा है.’
- प्रधानमंत्री आवास के तहत बने घरों की रजिस्ट्री में भी महिलाओं को प्राथमिकता
- अगले तीन साल में इस योजना के तहत गांवों में लगभग 3 करोड़ घर बनाए जाएंगे
- असंगठित श्रेत्र की महिला श्रमिकों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं
- ऐसे उद्यमों को वरीयता दी जाएगी जहां कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी ज्यादा हो
सरकार का एजुकेशन प्लान
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बताया, भारत के उच्च शैक्षणिक संस्थानों को स्वायत्तता और वित्तीय योगदान के जरिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि भारत के संस्थान दुनिया के टॉप 500 शैक्षणिक संस्थानों में अपनी जगह बना सकें.
- देश के हायर एजुकेशन सिस्टम में सीटों की संख्या साल 2024 तक डेढ़ गुना करने के लिए कोशिश
- इस पहल से युवाओं को उच्च शिक्षण संस्थानों में 2 करोड़ एक्स्ट्रा सीटें मिल पाएंगी
- उच्च शिक्षण संस्थानों में ‘नेशनल रिसर्च फाउंडेशन’स्थापित करने का प्रस्ताव है
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