मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में बहन प्रीतम मुंडे को जगह नहीं मिलने से पंकजा मुंडे की नाराजगी की अटकलें लगातार लगाई जा रही हैं. ऐसा इसलिए भी क्योंकि विस्तार के दो दिनों के बाद भी पंकजा ने किसी को बधाई देने वाला ट्वीट तक नहीं किया. इन अटकलों के बीच पंकजा मुंडे ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा है. पंकजा का कहना है कि प्रीतम और उन्होंने कभी भी मंत्री पद की मांग नहीं की और पार्टी के फैसले से किसी भी तरह की नाराजगी नहीं है लेकिन समर्थकों में गुस्सा है. इस दौरान पंकजा मुंडे की आंखों से आंसू भी छलके.
मैं उनसे बात करूंगी और उन्हें समझाने की कोशिश करूंगी. जो लोग नए मंत्री बने है उन सभी को शुभकामनाएं. अगर उन सब से पार्टी की ताकत बढ़ती है तो मुझे और खुशी होगी.पंकजा मुंडे
"पिता ने संघर्ष किया, हम भी करेंगे"
इस दौरान पंकजा मुंडे ने पिता गोपीनाथ मुंडे को याद करते हुए कहा कि वो संघर्ष करते हुए आगे बढ़े थे और हम भी ऐसा ही करेंगे.
आज एक बार फिर पंकजा मुंडे ने अपने पिता गोपीनाथ मुंडे को याद किया और कहा कि मेरे पिता ने संघर्ष किया तो हम भी आगे संघर्ष करते रहंगे.
मोदी मंत्रिमंडल में स्थान हासिल करने वाले मराठवाड़ा से डॉ. भागवत कराड, पंकजा मुंडे परिवार के करीबी माने जाते है. वो भी वंजारा समुदाय का नेतृत्व करते है. लेकिन प्रीतम मुंडे के बजाय भागवत कराड को मौका दिए जाने से पंकजा समर्थकों में रोष देखने को मिल रहा है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में महाराष्ट्र से चार चेहरे
केंद्रीय मंत्रिमंडल (Modi Cabinet) में कराड के अलावा महाराष्ट्र से नारायण राणे, कपिल पाटिल और डॉ. भारती पवार को मौका दिया गया है. इस विस्तार में चुनावी राज्यों के साथ महाराष्ट्र को भी खास तवज्जो दिया गया है. महाराष्ट्र के कोटे से बने चार मंत्रियों पर नजर डाले तो पता चलता है कि बीजेपी ने महाराष्ट्र में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन बनाने पर जोर दिया है. साथ ही एक चीज साफ हो रही है कि महाराष्ट्र में बीजेपी अब अपने दम पर सत्ता हासिल करने में जुटी है.
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