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सुब्रमण्यम ने दिया BJP को अल्टीमेटम, हाल फिलहाल कई बार किए वार

सुब्रमण्यम स्वामी ने बीजेपी आईटी सेल के चीफ को हटाने की मांग की

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बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी के आईटी सेल चीफ अमित मालवीय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्वामी पिछले कई दिनों से अमित मालवीय पर हमला बोल रहे हैं और उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि मालवीय जानबूझकर उनके खिलाफ षड़यंत्र रचने का काम कर रहे हैं, इसीलिए पार्टी को उन्हें तुरंत निकाल देना चाहिए. लेकिन ये पहली बार नहीं है जब स्वामी ने अपने ही नेता या फिर अपनी ही पार्टी के खिलाफ आवाज उठाई है. इससे पहले भी वो कई मौकों पर बीजेपी और अपनी सरकार को घेर चुके हैं.

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सबसे पहले ताजा विवाद की बात करते हैं. बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर बताया कि उनकी ही पार्टी की आईटी सेल फर्जी अकाउंट बनाकर उन पर हमला कर रही है, साथ ही स्वामी ने चेतावनी दी थी कि अगर उनके समर्थक भी गुस्से में ऐसे पर्सनल अटैक करने लगें तो वो इसके जिम्मेदार नहीं होंगे. उन्होंने इस सबके पीछे बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय का हाथ बताया है और कहा था कि पार्टी को इन्हें तुरंत निकालना चाहिए.

लेकिन अब सुब्रमण्यम स्वामी ने बीजेपी को अल्टीमेटम दे दिया है. उन्होंने इसके लिए महाभारत के पांच गांव समझौता का जिक्र किया है. स्वामी ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय को हटाने की मांग की है. स्वामी ने अल्टीमेटम वाले इस ट्वीट में कहा,

“कल तक अगर मालवीय को बीजेपी आईटी सेल (जो नड्डा के लिए मेरे पांच गांवों का समझौता प्रस्ताव है) से नहीं हटाया जाता है तो इसका मतलब है कि पार्टी मेरा बचाव नहीं करना चाहती है, चूंकि पार्टी में कोई फोरम नहीं है जहां मैं कैडर की राय मांग सकता हूं. इसलिए मुझे अपना बचाव करना होगा.”
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पहले भी खुलकर बोले हैं स्वामी

बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी इससे पहले कई मुद्दों को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान दे चुके हैं. हाल ही में भारत-चीन संबंधों को लेकर स्वामी ने सरकार से कहा था कि भारत को चीन के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए. रूस में हुई भारत-चीन के रक्षामंत्रियों की मुलाकात के बाद विदेश मंत्रियों के मुलाकात की चर्चा के दौरान स्वामी ने ट्विटर पर इसका विरोध किया था और कहा था,

“विदेश मंत्री एस जयशंकर को मॉस्को में चीनी रक्षामंत्री से मुलाकात क्यों करनी है? जब रक्षामंत्रियों की मुलाकात हो चुकी है. 5 मई के बाद भारत को चीन के साथ विदेश नीति पर कोई बातचीत करने की जरूरत नहीं है. पीएम को विदेश मंत्री से तुरंत दौरा रद्द करने को कहना चाहिए. ये हमारे संकल्प को कम करता है.”

जीडीपी का गिरना एक्ट ऑफ गॉड था?

इसके अलावा जीडीपी को लेकर भी सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी सरकार पर तंज कसा था. दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के दौरान कोरोना वायरस संकट को 'एक्ट ऑफ गॉड' यानि दैवीय आपदा बता दिया था. जिसके बाद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इसी बात पर कटाक्ष करते हुए पूछा था कि कोरोना के पहले ही GDP गिरकर 3.1% पर आ चुकी थी, क्या वो भी 'एक्ट ऑफ गॉड' था? स्वामी ने लिखा था- "मुझे पता चला है कि वित्त मंत्री कह रही हैं कि कोविड-19 'एक ऑफ गॉड' है. मैं इस पर जल्द ही वीडियो पोस्ट करूंगा. कोरोना काल से पहले FY 2015 से लेकर 2020 की पहली तिमाही में 3.1% जीडीपी ग्रोथ तक की गिरावट भी क्या 'एक्ट ऑफ गॉड' थी?"

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जीएसटी को बताया था सबसे बड़ा पागलपन

सुब्रमण्यम स्वामी ने इससे पहले जीएसटी को लेकर भी अपनी ही सरकार पर हमला बोला था. उन्होंने सरकार के नए टैक्स सिस्टम जीएसटी को 21वीं सदी का सबसे बड़ा पागलपन बताया था. उन्होंने कहा था,

"निवेशकों को इनकम टैक्स और जीएसटी से आतंकित नहीं करना चाहिए, जो 21वीं सदी का सबसे बड़ा पागलपन है. यह जीएसटी इतना जटिल है कि किसी को समझ नहीं आ रहा है कि कौन-सा फॉर्म कहां से भरना है."

सिर्फ इतना ही नहीं पिछले साल स्वामी ने अपनी पार्टी को लेकर कहा था कि उसके बाहुबल से लोकतंत्र को खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर एक ही पार्टी के तौर पर बीजेपी सामने आती है तो इससे लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा. सितंबर में जीईई परीक्षा कराए जाने पर भी स्वामी ने आपत्ति जताई थी.

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