सुप्रीम कोर्ट ने तमाम राजनीतिक दलों को आपराधिक छवि वाले नेताओं को लेकर कई बार फटकार लगाई है. लेकिन इस बार फटकार के अलावा 8 बड़े राजनीतिक दलों पर जुर्माना भी लगाया गया है. इन तमाम दलों ने बिहार चुनाव में अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी नहीं दी थी. इसीलिए कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर इन दलों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
चार हफ्ते में देना होगा जुर्माना
इन 8 राजनीतिक दलों में बीजेपी, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइजेड, सीपीआई, लोक जनशक्ति पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं. हालांकि बाकी को छोड़कर कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, क्योंकि दोनों दल पूर्ण रूप से अवमानना के दोषी पाए गए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगले चार हफ्तों के भीतर सभी राजनीतिक दल चुनाव आयोग को जुर्माना सौंप दें. साथ ही ये भी बताया कि आगे तमाम राजनीतिक दल सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन करें, अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा.
राजनीतिक दलों को सख्त निर्देश
बता दें कि लगभग हर चुनाव में राजनीतिक दल कई ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देते हैं, जो अपराध की दुनिया से आते हैं या फिर इनके खिलाफ कई मुकदमे चल रहे होते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए राजनीतिक दलों को पहले ही निर्देश जारी किया है कि वो अपनी वेबसाइट पर उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी दें. अब एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि, राजनीतिक दल अपनी वेबसाइट के होमपेज पर एक टाइटल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का रखेंगे. जिसमें ऐसे सभी उम्मीदवारों का ब्योरा हो.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)