तमिलनाडु के एक प्राइवेट कॉलेज की महिला लेक्चरर ने कथित तौर पर छात्राओं को अधिकारियों के साथ यौन संबंध बनाने का इशारा किया था. अब इस मामले में तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कहा है कि वो आरोपी लेक्चरर से कभी नहीं मिले हैं. यूनिवर्सिटी के कुलपति ने उन्हें इस विवाद की जानकारी दी और उन्होंने जांच के लिए समिति बना दी.
राज्यपाल को ऐसा क्यों कहना पड़ा?
दरअसल, महिला लेक्चरर ने अपनी छात्राओं से कथित तौर पर कहा था कि वह अच्छे अंक और पैसों के लिए ‘‘कुछ अधिकारियों के साथ तालमेल बिठाएं''. महिला लेक्चरर से जुड़ी यह घटना एक निजी कॉलेज अरूपूकोट्टई की है , ये कॉलेज सरकारी मदुरै कामराज विश्वविद्यालय ( एमकेयू ) से मान्यता प्राप्त है. ऑडियो वायरल होने और शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपी को हिरासत में ले लिया गया था.
विपक्षी पार्टी DMK ने तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल के उस आदेश की निंदा की थी, जिसमें बनवारी लाल ने मामले में जांच का आदेश दिया है.
DMK का क्या कहना है?
DMK के कार्यवाहक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि किसी यूनिवर्सिटी के कुलपति ही सिर्फ मान्यताप्राप्त कॉलेजों के कर्मचारियों और छात्रों के मुद्दे को संबोधित कर सकते हैं न कि कुलाधिपति. स्टालिन ने कहा , “ इसलिए , सिर्फ कुलपति को इस मामले पर कार्रवाई करनी चाहिए थी. कोई यह नहीं समझ पा रहा कि विश्वविद्यालय का कुलाधिपति इस संबंध में कार्रवाई की पहल कैसे कर सकते हैं. ” इस मामले पर राज्यपाल पुरोहित ने एमकेयू के कुलाधिपति होने के नाते रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आर सांतनम के नेतृत्व में ‘ उच्च स्तरीय जांच ' कराए जाने की घोषणा की थी.
लेक्चरर ने आरोपों को खारिज किया
आरोपी लेक्चरर ने अपनी कथित सलाह में यौन संबंधों का पहलू होने से इनकार किया और दावा किया कि उन्होंने बगैर किसी गलत मंशा के टिप्पणी की थी. कॉलेज के सचिव रामासामी ने कहा कि कॉलेज के तीन प्रोफेसरों ने पहले दौर की जांच पूरी कर ली है और उन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंप दी गई है , जिसके आधार पर आरोपी लेक्चरर को निलंबित किया था. आरोपी से कहा गया है कि वो छात्रों को दी गई सलाह के बाबत सफाई दे. DMK के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. पीएमके नेता और लोकसभा सांसद अंबुमणि रामदास ने भी मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की.
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