आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है. उनके साथ उनके बेटे को भी हाउस अरेस्ट किया गया है. नायडू ने पूरे राज्य में एक विशाल रैली बुलाई थी. जिसके बाद उन पर ये कार्रवाई हुई है. नायडू ने आरोप लगाया था कि टीडीपी कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं. जिसके विरोध में उन्होंने लोगों और कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतरने को कहा था. इस रैली का नाम उन्होंने ‘चलो अत्माकुर’ दिया था.
बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह टीडीपी प्रमुख नायडू के बेटे नारा लोकेश की पुलिस अधिकारियों के साथ बहस हुई थी. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें और उनके पिता को घर में ही नजरबंद कर लिया है.
टीडीपी ने जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) पर आरोप लगाया था कि वो टीडीपी के खिलाफ लगातार साजिश रच रहे हैं. साथ ही टीडीपी कार्यकर्ताओं पर हमले और कार्रवाई की जा रही है. इसीलिए उन्होंने मार्च बुलाया था. नायडू के इस ऐलान के बाद वाईएसआरसीपी ने भी एक जवाबी मार्च करने की बात कही थी.
लगाई गई थी धारा 144
टीडीपी प्रमुख नायडू के बुलाए गए मार्च के चलते आंध्र प्रदेश पुलिस ने पहले ही पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी थी. पुलिस का कहना था कि इस इलाके में किसी भी तरह का धरना प्रदर्शन और रैली की इजाजत नहीं है. पुलिस प्रमुख ने कहा था कि किसी को भी कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को चाहिए की वह शांति बनाए रखने में पुलिस की मदद करें.
हालांकि पुलिस की चेतावनी के बाद और धारा 144 लगाए जाने के बाद भी एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि प्रदर्शन होगा और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं की ज्यादतियों को उजागर किया जाएगा.
TDP का आरोप कई कार्यकर्ताओं की हुई मौत
नायडू ने सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे पुलिस के रोके जाने की स्थिति में इसका विरोध करें. बता दें कि टीडीपी का आरोप है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं के हमलों में उसके आठ कार्यकर्ताओं की मौत हो चुकी है. अधिकांश वारदात पलनाडु में हुई हैं. उधर, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का भी आरोप है कि उसके कार्यकर्ताओं पर तेदेपा ने हमले करवाए हैं.
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