'तेजप्रताप-तेजस्वी में घमासान, भाई-भाई में लडाई, लालू परिवार में फिर दिखा कोल्ड वार, RJD में होगी फूट!' ये कुछ हेडलाइन हैं जो हर दो-चार महीने में मीडिया में घूम-घूमकर चलाई जाती है. और फिर हर बार की तरह लालू यादव (Lalu Yadav) के बड़े लाल तेज प्रताप कहते हैं कि उनके छोटे भाई तेजस्वी उनके अर्जुन हैं. एक बार फिर तेज और तेजस्वी में झगड़े की खबर छप रही है.
दरअसल, तेज प्रताप (Tej Pratap) ने पार्टी के सीनियर लीडर और आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को लेकर एक बार फिर बयान दिया है.
तेजप्रताप यादव ने प्रदेश आरजेडी कार्यालय में छात्र आरजेडी की बैठक में कहा,
'जगदानंद सिंह सब जगह जाकर के हिटलर की तरह बोलते हैं. पार्टी कार्यालय में पहले मैं जब आता था उस वक्त और अब में जमीन-आसमान का फर्क आ गया है. जब पिताजी यहां थे तो पार्टी का गेट हमेशा खुला रहता था मगर उनके जाने के बाद बहुत लोगों ने मनमानी करनी शुरू कर दी है. कुर्सी किसी की बपौती नहीं है.'
तेजप्रताप के इस बयान से बवाल शुरू हो गया. ये पहला मौका नहीं है जब तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह को लेकर इस तरह बयान दिया है. इससे पहले भी कई बार तेज प्रताप जगदानंद को लेकर टिप्पणी कर चुके हैं.
अभी हाल ही में आरजेडी के 25वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर तेजप्रताप जब मंच पर भाषण दे रहे थे तब उन्होंने एक मसले पर दल के नेताओं को हाथ उठाने को कहा. मंच पर बैठे कई नेताओं ने हाथ नहीं उठाया, लेकिन जगदानंद सिंह कुछ कागज हाथ में लिए पढ़ रहे थे, तब ही तेज प्रताप कहा- लगता है अंकल अभी भी नाराज हैं... उनके इस बयान के बाद बगल में बैठे श्याम रजक ने जगदानंद का हाथ उठवाया. इस दौरान भी तेज प्रताप बिना किसी का नाम लिए पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठा रहे थे. उन्होंने कहा कि कुछ लोग उन्हें आगे बढ़ता नहीं देखना चाहते हैं.
तेज के पोस्टर से तेजस्वी गायब
मीडिया और विपक्ष के सवालों को यूं ही बल नहीं मिलता है. दरअसल, तेज प्रताप ने आरजेडी छात्र इकाई की बैठक बुलाई थी, उसे लेकर जो पोस्टर बने थे उसमें से तेजस्वी गायब थे.
पोस्टर में लालू, राबड़ी और तेज प्रताप की तस्वीर तो नजर आ रही है लेकिन तेजस्वी की तस्वीर नहीं थी. बस इसके बाद फिर से सवाल उठने लगा. हालांकि जब मीडिया ने तेज प्रताप से तेजस्वी की तस्वीर नहीं होने को लेकर सवाल पूछा तो तेज प्रताप ने फिर से अपना पुराना बयान दोहराया और कहा कि तेजस्वी उनके अर्जुन हैं.
तेज प्रताप ने कहा, 'तेजस्वी हमारे दिलों में रहते हैं. अगर बैनर और पोस्टर में उनकी तस्वीर नहीं है तो क्या फर्क पड़ता है? तेजस्वी मेरे अर्जुन हैं. वह मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.'
लेकिन ये सवाल भी उठता है कि अगर तेजस्वी अर्जुन हैं तो फिर तेज प्रताप के पोस्टर से वो क्यों गायब थे? लालू परिवार ऐसे मौके मीडिया या विपक्ष को देता ही क्यों है कि लोग कलह की खबर चलाएं? तेज ही बता सकते हैं.
याद रखना होगा कि अभी जेल से बाहर आने के बाद लालू यादव ने कम से कम दो मौकों पर खुले तौर पर तेजस्वी को नेता बताया है. स्थापना दिवस के मौके पर लालू बोले कि तेजस्वी ने अकेले काफी अच्छा प्रदर्शन किया. फिर शरद पवार और मुलायम से मुलाकात के बाद भी तेजस्वी की तारीफ की.
इतनी कम उम्र में तेजस्वी यादव ने बिहार जैसे राज्य में नैया को पार लगाया, इतनी सीटें लेकर आए, हमें उम्मीद नहीं थी. लोगों के आशीर्वाद से आगे बढ़ रहे हैं. पार्टी के हर नेता और हर कार्यकर्ता ने उन्हें स्वीकार किया है.5 जुलाई को आरजेडी स्थापना दिवस पर लालू यादव
साफ है कि कम से कम पार्टी के सुप्रीम नेता लालू ने नेतृत्व को लेकर किसी भी विवाद पर अपनी तरफ से विराम लगा दिया है.
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