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तेजस्वी का नीतीश को लेटर, रामविलास पासवान की प्रतिमा स्थापित करने की मांग

Bihar की राजनीति में जारी उठक पठक के बीच Tejasvi और Chirag पासवान की करीबियों के नए मायने निकाले जा रहे है.

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राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश यादव को एक पत्र लिख पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के स्वर्गीय नेता राम विलास पासवान की राज्य में आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की मांग की.

इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने दोनों नेताओ की जयंती और पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित करने की भी मांग की.

तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री को समर्पित पत्र में लिखा कि स्वर्गीय डॉक्टर रघुवंश प्रताप सिंह और स्वर्गिय राम विलास पासवान, दोनों ही राज्य के महान विभूति होने के साथ साथ प्रखर समाजवादी नेता थे

दोनों ही राजनेताओं ने अपने सामाजिक सरोकारों और सक्रिय राजनीतिक जीवन के माध्यम से बिहार राज्य की उल्लेखनीय सेवा की. दोनों बिहार के ऐसे सपूत रहे है जिनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से हम सभी बिहारवासी सदा ऋणी रहेंगे.

पत्र में आगे तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को याद दिलाया के अपने निधन से कुछ दिन पहले स्वर्गिय रघुवंश बाबू ने अपनी कुछ मांगे पूर्ण करने की इच्छा व्यक्त की थी. तो उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री, रघुवंश बाबू की अंतिम इच्छाओ को पूर्ण करने हेतु आवयश्क कदम उठा रहे होंगे.

यही रघुवंश प्रताप सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

लेटर के अंत मे तेजस्वी यादव ने रामविलास पासवान के लिए अनुरोध किया कि वह पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह और रामविलास पासवान की राज्य में आदमकद प्रतिमा स्थापित करते हुए उनकी जयंती अथवा पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित करने की कृपा करें.

दोनी नेताओं के बीच बढ़ रही नजदीकियां

भले में बिहार विधानसभा चुनावों में तेजस्वी और चिराग आमने सामने रहे हो, लेकिन चिराग पासवान के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संबधों में खटास आ जाने के बाद दोनों नेताओं की करीबियां बढ़ी हैं.

चार दिन पहले ही चिराग पासवान पहले तेजस्वी यादव से मिले उसके बाद उनके पिता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव से मिलने गए थे.

हालांकि चिराग पासवान का कहना था कि वह लालू प्रसाद यादव से पिता राम विलास पासवान की पुण्यतिथि का न्योता देने के संबंध में मिले थे.

भले ही दोनों नेता इसे शिष्टाचार भेंट कह रहे हों, लेकिन बिहार के राजनैतिक गलयारों में इन मुलाकातों के अलग ही मायने निकाले जा रहे हैं.

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