तेलंगाना की सियासत में एक लीक हुए एक ऑडियो क्लिप (Telangana TRS MLAs Bribe Case) से राजनीति गरमा गई है. फोन पर हुई दो कॉल्स की जो रिकॉर्डिंग लीक हुई है, उसके बाद से कथित तौर पर TRS के विधायक को खरीद-फरोख्त करके BJP में शामिल कराने और राज्य सरकार को गिराने के आरोप लग रहे हैं. फोन पर रिकार्डेड बातचीत 28 अक्टूबर की है.
एक क्लिप में TRS विधायक रोहित रेड्डी और दो अन्य, जो अब TRS विधायकों को लालच देकर बीजेपी में शामिल कराने के आरोपी हैं, को कथित तौर पर अपने प्लान पर चर्चा करते हुए सुना जा सकता है. एक दूसरे क्लिप में इसी मामले में इन तीनों के बीच की बातचीत की एक रिकॉर्डिंग में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष का जिक्र भी है.
इस कथित टेप में अमित शाह और बी एल संतोष के नाम की तरफ इशारा करते हुए कहा जा रहा है कि भगवा पार्टी TRS के विधायक रोहित रेड्डी और दूसरे विधायकों को करोड़ों रुपए देने को तैयार है. यहां इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि द क्विंट ने टेप को स्वतंत्र रूप से वैरिफाई नहीं किया है. बीजेपी ने सफाई भी दी है कि उनकी पार्टी का आरोपियों से किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं है.
यहां समझते हैं कि पूरा मामला क्या है और इसमें किन-किन का नाम सामने आया है.
आखिर मामला क्या है?
26 अक्टूबर को रोहित रेड्डी ने तीन लोगों पर आरोप लगाया. इनमें एक हैं दिल्ली के सतीश शर्मा उर्फ रामचंद्र भारती, हैदराबाद के बिजनेसमैन नंदकुमार और तिरुपति के सिम्हाजायी स्वामी. उन्होंने आरोप लगाया कि इन तीनों ने उनको और तीन दूसरे विधायकों- भीराम हर्षवर्धन रेड्डी, पी रेगा कांथा राव, गुवाला बालाराजू- को 250 करोड़ रुपए और दूसरी सुविधाओं का लालच देकर बीजेपी में शामिल होने को कहा. इसमें रोहित रेड्डी को 100 करोड़ रुपए और दूसरे अन्य विधायकों को 50 -50 करोड़ रुपए देने का वादा किया गया.

आरोपी रामचंद्र भारती के साथ बीजेपी नेता और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ
(फोटो: द क्विंट द्वारा एक्सेस किया गया)
साइबराबाद पुलिस ने 27 अक्टूबर को इस मामले में पुलिस केस दर्ज किया और सभी तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उसी दिन ACB कोर्ट के रंगा रेड्डी ने साइबराबाद पुलिस की इन तीनों आरोपियों की रिमांड लेने की अपील ठुकरा दी. पुलिस ने 28 अक्टूबर को तेलंगाना हाईकोर्ट में ACB कोर्ट के आदेश को चुनौती दी. तेलंगाना हाईकोर्ट ने ACB कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया, जिसके बाद शनिवार, 29 अक्टूबर को हैदराबाद में एक विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
जो ऑडियो क्लिपिंग मिली है, इसमें कथित तौर पर तीनों आरोपी तेलंगाना सरकार को गिराने और TRS विधायकों को अपनी तरफ यानि बीजेपी में शामिल कराने की चर्चा कर रहे हैं.
अमित शाह और बी एल संतोष जैसे बड़े नेताओं का जिक्र
पहली ऑडियो क्लिप में रोहित रेड्डी किसी स्वामी जी को संबोधित कर रहे हैं. माना जा रहा है कि स्वामीजी रामचंद्र भारती हैं और रोहित रेड्डी भरोसा दे रहे हैं कि ‘नंदूजी ने पूरा ख्याल रखने का भरोसा दिया है.. हर तरफ से देखभाल किया जाएगा ..सुरक्षा, सियासी करियर और दूसरी तरह से भी.”
इसके जवाब में सतीश शर्मा यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि, “हम यही बातचीत नंबर 2 (कथित रूप से अमित शाह) के सामने रखेंगे और आपके सामने सब बातचीत होगी , इसमें कोई परेशानी नहीं होगी .यह सब पहले आओ, पहले पाओ नीति के हिसाब से है. ”

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के साथ आरोपित सिम्हायाजी
(फोटो: द क्विंट द्वारा एक्सेस किया गया)
27 अक्टूबर को द क्विंट ने रिपोर्ट किया था कि साइबराबाद पुलिस जो मामले की पड़ताल कर रही है उसने एक ऑडियो और वीडियो टेप को जब्त किया है जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी नेता बीएल संतोष का जिक्र है.
इस बातचीत में रोहित रेड्डी भी सतीश शर्मा को ये भरोसा देते हुए सुने जा सकते हैं कि दो और विधायक जो संभवत: TRS से हैं वो भी उनके साथ बीजेपी में शामिल होंगे. दिलचस्प बात यह है कि सतीश शर्मा टेप में यह पूछते हुए सुने जा सकते हैं कि आखिर रेड्डी के साथ और कौन -कौन लोग आ सकते हैं. उन्हें अमित शाह और बी एल संतोष के सामने ले जाया जा सकता है. सतीश शर्मा का यह भी दावा है कि वह नियमित रूप से संतोष से मिलते रहे हैं.
कथित दूसरे ऑडियो टेप में सतीश शर्मा को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि बीएल संतोष और अमित शाह के बीच भी इस पर बात हुई है कि TRS के MLA बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं.
सतीश शर्मा को यह कहते हुए सुना जा सकता है:
“ मैंने संतोष से बात की कि क्या वो हैदराबाद जा सकते हैं, संतोष ने अमित शाहजी के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल किया और उन्होंने कहा कि एक या तीन विधायक के लिए वहां जाना ठीक नहीं है, आपके पास और भी काम है. उन्हें दिल्ली आने दो , हम मिलेंगे ..अगर पांच या छह विधायक या फिर इससे ज्यादा हैं तब हम उनसे हैदराबाद मिलने के बारे में सोच सकते हैं. .”
‘नंबर 1 और नंबर 2 के लिए डिसीजन मेकर हैं संतोष ’
इसी क्लिप में सतीश शर्मा आगे रोहित को ये भरोसा देते हुए सुनाई देते हैं कि बीएल संतोष मुख्य व्यक्ति है और बीजेपी में सबसे अहम हैं. बीएल संतोष को बीजेपी में संघ ने रखवाया है और इसमें संघ से उनके कनेक्शन का भी जिक्र है. कथित तौर पर शर्मा यह कहते हुए सुने जा सकते हैं-
"सरकार बनाने के लिए वो सबसे अहम शख्स हैं. हर फैसला बीएल संतोष का होता है ..और आपकी जानकारी के लिए आपको बता दूं कि नंबर 1 (कथित तौर पर नरेंद्र मोदी) और नंबर 2 (कथित तौर पर अमित शाह) संतोष के पास चर्चा के लिए आते हैं.. संतोष उनके पास नहीं जाते हैं. यह संघ का प्रोटोकॉल है और इसका पालन किया जाता है.”
ऑडियो क्लिप के अनुसार आरोपी आगे रोहित रेड्डी को सुनिश्चित करते हुए कहते हैं वो संतोष के साथ बैठकर बात कर सकते हैं और फिर संतोष के साथ वो नंबर 2 (कथित तौर पर अमित शाह) के पास जाएंगे.
शुक्रवार को जब क्लिपिंग्स सामने आने लगी तो TRS की बातों में वजन आ गया. TRS के एक सूत्र ने द क्विंट से बताया कि, ‘ हमारे पास कई घंटों का वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग है .” कथित क्लिप में, सतीश शर्मा , रेड्डी से यह कहते हुए भी सुने जाते हैं कि अगर रेड्डी बीजेपी में शामिल होते हैं तो प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग सहित केंद्रीय जांच एजेंसियां भी उनके पक्ष में रहेंगी.
शर्मा को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया है कि :
"आपकी देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है. जब आप हमारे साथ हैं तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. ED सहित आयकर और दूसरी जांच भी सब हमारे दायरे में हैं."
‘उनको पैसे की कमी नहीं है’
दूसरा कथित टेप जो सामने आया है इसमें शर्मा यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि, “ केंद्र हमेशा डील के लिए तैयार है, उनके (BJP) लिए पेमेंट की कोई दिक्कत ही नहीं है"
इस क्लिप में यह भी कथित तौर पर सुना जा सकता है कि विधायक रोहित रेड्डी इस मामले में टीम लीड होंगे, क्योंकि वो पहले विधायक हैं, जो बीजेपी में शामिल होने की इच्छा रखते हैं. क्लिप के मुताबिक रेड्डी को यह टास्क भी मिलता है कि वो TRS से और भी विधायक बीजेपी में शामिल कराने के लिए लाएं .
सतीश शर्मा इस टेप में ये गुनागणित लगाते हुए सुने जा सकते हैं कि किस तरह रोहित रेड्डी का TRS छोड़ना एक महीने के भीतर ही TRS सरकार के गिरने का कारण बन सकता है.”
कथित क्लिप में शर्मा को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि संतोष 27 अक्टूबर को विधायकों से मिल सकते हैं. हालांकि, बैठक कभी नहीं हुई. पुलिस ने तीनों आरोपियों को 26 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.
“अगर वह 100 करोड़ रुपये मांग रहे हैं तो यह कोई मुद्दा नहीं है. अगर वहां (विधायक) बैठे हैं तो बीजेपी कुछ भी करने को तैयार है, ” क्लिप में सतीश शर्मा को कहते हुए सुन सकते हैं कि वो लगातार बी एल संतोष और तुषार के टच में हैं जो कि अमित शाह के करीबी हैं.
हालांकि, साइबराबाद पुलिस ने क्लिप में नामित सभी व्यक्तियों के विवरण का खुलासा नहीं किया है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि पुलिस मामले में किसी और पर आरोप लगा सकती है या नहीं.
इस बीच, बीजेपी ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि 3 नवंबर को होने वाले मुनुगोड़े उपचुनाव को जीतने के लिए टीआरएस ने पूरे प्रकरण का "ड्रामा" तैयार किया. तेलंगाना विधान सभा चुनाव भी 2023 में होना है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)