ADVERTISEMENTREMOVE AD

टीकाराम जूली कौन ? कांग्रेस ने क्यों बनाया राजस्थान विधानसभा में विपक्ष का नेता?

राजस्थान विधानसभा में नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मेरा जीवन सदैव कांग्रेस को समर्पित रहे.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कांग्रेस ने राजस्थान (Rajasthan) में नए नेता विपक्ष की नियुक्ति पर मुहर लगा दी. पार्टी ने ओल्ड गार्ड से किनारा करते हुए 43 वर्षीय अलवर ग्रामीण सीट से विधायक टीकाराम जूली को राजस्थान विधानसभा में नेता विपक्ष नियुक्त किया, जबकि गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पर बने रहेंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

टीकाराम जूली ने क्या कहा?

अपनी नियुक्ति पर टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, "अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा मेरे जैसे साधारण कार्यकर्ता को राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता की जिम्मेदारी देने पर शीर्ष नेतृत्व का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद. हम सभी मिलकर राजस्थान की जनता की आवाज पुरजोर तरीके से विधानसभा में उठाएंगे, मेरा जीवन सदैव कांग्रेस को समर्पित रहे."

टीकाराम जूली कौन हैं?

  • टीकाराम जूली का जन्म 3 सितंबर 1980 को अलवर के नीमराणा के काठूवास में हुआ था.

  • टीकाराम के पिता का नाम लेख राम और विमला देवी था.

  • जूली का विवाह गीता देवी से हुआ है, उनके दो बच्चे हैं.

  • पेशे से वकील टीकाराम ने बीए, एलएलबी तक की शिक्षा ली है.

  • 2005 से 2008 तक जूली अलवर में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे थे

  • टीकाराम जूली तीसरी बार अलवर ग्रामीण से विधायक चुने गए हैं.

  • जूली गहलोत सरकार में पहले राज्य मंत्री थे, जिसके बाद उन्हें प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया.

राजस्थान विधानसभा में नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मेरा जीवन सदैव कांग्रेस को समर्पित रहे.

टीकाराम जूली

(फोटो: टीकाराम जूली/फेसबुक)

2008 में जीता पहला चुनाव

टीकाराम जूली ने 2008 में अपने इलेक्टोरल पॉलिटिक्स की शुरुआत की थी, और पहली बार अलवर ग्रामीण से विधायक चुने गए थे. इसके बाद उन्हें 2013 में हार मिली, लेकिन 2018 और 2023 में जूली एक बार जीतकर विधानसभा पहुंचे.

2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में जूली को 55.56 प्रतिशत यानी 108, 584 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी के जयराम जाटव को 41.58 फीसदी यानी 81, 251 वोट मिले थे.
राजस्थान विधानसभा में नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मेरा जीवन सदैव कांग्रेस को समर्पित रहे.

टीकाराम जूली अलवर ग्रामीण से विधायक हैं.

(फोटो: टीकाराम जूली/X)

टीकाराम जूली को क्यों बनाया गया नेता विपक्ष?

राजस्थान विधानसभा का सत्र 19 जनवरी से शुरू हो रहा है. इससे पहले कांग्रेस ने सदन में अपने "कैप्टन" की नियुक्ति कर दी. जूली राजस्थान कांग्रेस का बेदाग चेहरा हैं. हालांकि, कुछ समय पहले उन पर आरओ सप्लाई कंपनी के मालिक से तीस लाख रुपये हड़पने का आरोप लगा था, लेकिन बाद में वो बहुत सुर्खियों में नहीं आया.

0
जूली जिस क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं, उस बेल्ट के अधिकतर सीटों पर बीजेपी को विधानसभा चुनाव में जीत मिली है. इसके अलावा, जूली का युवा होना और लगातार अच्छे अंतर से जीत हासिल करना भी उनके पक्ष में गया.

जूली के पिता भी कांग्रेस के नेता थे, लेकिन उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा था. टीकाराम को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी बताया जाता है. जूली की नियुक्ति के पीछे गहलोत दांव और कास्ट समीकरण भी अहम माना जा रहा है.

दरअसल, टीकाराम जूली एससी हैं यानी वो दलित जाति से आते हैं. कांग्रेस लोकसभा चुनाव में जाट, एससी और सामान्य का समीकरण बनाना चाहती है.

जाट समुदाय से आने वाले पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ओबीसी हैं, जबकि एससी समुदाय से आने वाले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली दलित हैं.

सूत्रों की मानें तो अब उपनेता सदन की कुर्सी पर पार्टी किसी सचिन पायलट खेमे के सामान्य जातीय से आने वाले विधायक को मौका दे सकती है.

राजस्थान में जातीय समीकरण अहम

बीजेपी ने पहले ही जातीय और सामाजिक समीकरण साधने के लिए राजस्थान में बैटिंग कर ली है. प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष (सीपी जोशी), सीएम (भजन लाल शर्मा) और डिप्टी सीएम (दीया कुमारी) सामान्य जातीय से आते हैं, जबकि दूसरे डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा एससी हैं.

पार्टी ने विधानसभा स्पीकर की जिम्मेदारी सिंधी जाति से आने वाले वसुंधरा खेमे के वासुदेव देवनानी को दी है. जबकि किरोड़ी लाल मीणा और कई अन्य को मंत्री बनाकर बीजेपी ने ओबीसी और एसटी को भी साधने की कोशिश की है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
पार्टी ने कैबिनेट में सीएम और डिप्टी सीएम सहित कुल 24 मंत्री बनाए हैं, जिसमें 6 सामान्य, 3 एससी, 3 एसटी, 10 ओबीसी, 2 एमबीसी जातीय से आने वाले विधायकों को मंत्री बनाया गया है.

राजस्थान में क्या है जातीय समीकरण?

राजस्थान के जातीय समीकरण को देखें तो राज्य में SC 18%, ST – 14% (मीणा 7%), मुस्लिम – 9%, ओबीसी की 40 प्रतिशत आबादी हैं जिसमें गुर्जर–5%, जाट –10% और माली–4% हैं. वहीं सवर्णों की आबादी 19 प्रतिशत के करीब हैं, जिसमें ब्राह्मण-7%, राजपूत–6% और वैश्य-4% और अन्य 2% हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×