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त्रिपुरा में वर्कर्स पर हुए हमले के विरोध में TMC सांसदों की अमित शाह से मुलाकात

त्रिपुरा में हुई हिंसा के विरोध में त्रिणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल अमित शाह से मिला

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तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों के एक डेलिगेशन ने राज्य में निकाय चुनावों से पहले त्रिपुरा में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर हुए हमलों और पुलिस बर्बरता के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सोमवार, 22 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की.

प्रतिनिधिमंडल में सांसदों में डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर रॉय, कल्याण बनर्जी, सौगत रॉय और डोला सेन सहित कई अन्य शामिल थे.

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बार-बार हिंसा की घटनाओं का आरोप लगाते हुए, TMC ने मामले को दिल्ली ले जाने का फैसला किया और अमित शाह से मिलने का समय मांगा.

सांसद सौगत रॉय ने कहा कि गृह मंत्री के साथ हमारी 20 मिनट की बैठक हुई. उन्होंने कहा कि वह त्रिपुरा के मामलों को देखेंगे. हमने इस मुद्दे पर एक ज्ञापन दिया है.

तृणमूल सांसदों ने रविवार को कहा कि वे पूर्वोत्तर राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से बाधित किए जाने का विरोध करेंगे.

राज्य में निकाय चुनाव से पहले पिछले एक महीने के दौरान दोनों गुटों के कार्यकर्ताओं के बीच कई झड़पें हुई हैं.

हालांकि, उन्हें पहले गृहमंत्री के साथ बैठक करने से मना कर दिया गया था, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से इस पर सवाल भी उठाया गया.

रविवार को तृणमूल युवा कांग्रेस अध्यक्ष सयोनी घोष (Sayoni Ghosh) को त्रिपुरा पुलिस ने मुख्यमंत्री बिप्लब देब की एक जनसभा के दौरान कथित रूप से हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

पार्टी ने कहा कि जब उसे पूछताछ के लिए अगरतला के एक पुलिस थाने ले जाया गया तो बीजेपी के गुंडों ने उस पर हमला किया.

सयोनी घोष के साथ सांसद सुष्मिता देव, कुणाल घोष और सुबल भौमिक सहित पार्टी के अन्य नेता भी थे. तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि उन सभी पर पूर्वी अगरतला महिला थाने के अंदर हमला किया गया, पार्टी के मुताबिक इस दौरान हुई हिंसा में छह समर्थक घायल हुए थे.

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तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने 21 नवंबर को ट्वीट करते हुए कहा कि बिप्लब कुमार इतने बेशर्म हो गए हैं कि अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी उन्हें परेशान नहीं करते हैं. उन्होंने बार-बार हमारे समर्थकों और हमारी महिला उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय उन पर हमला करने के लिए गुंडे भेजे हैं. बीजेपी के शासन में त्रिपुरा में लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है.

बता दें कि त्रिपुरा में हिंसक घटनाओं की कई खबरें आई हैं. तृणमूल कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है और 25 नवंबर को होने जा रहे त्रिपुरा निकाय चुनाव में अपने उम्मीदवारों को उतार रही है.

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