तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ विपक्ष का चेहरा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) नहीं, बल्कि ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) हैं.
दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने कहा है कि तृणमूल की बात को ज्यादा अहमियत नहीं दी जानी चाहिए. मोदी के वैकल्पिक चेहरे का फिलहाल अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी.
देश को अब विकल्प की तलाश है. मैं राहुल गांधी को लंबे समय से जानता हूं, लेकिन मुझे यह कहना होगा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैकल्पिक चेहरे के रूप में उभरने में विफल रहे हैं. लेकिन ममता बनर्जी मोदी के वैकल्पिक चेहरे के रूप में उभरने में सफल रही हैंसुदीप बंदोपाध्याय, तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता
तृणमूल के नरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी का इरादा कांग्रेस का अपमान करने का नही था. वह कहते हैं कि "सुदीप बंदोपाध्याय ने कांग्रेस के बिना किसी वैकल्पिक ताकत की बात नहीं की है. उन्होंने केवल इतना कहा कि लोग राहुल गांधी को नरेंद्र मोदी के वैकल्पिक चेहरे के रूप में स्वीकार नहीं कर रहे हैं. वह (राहुल गांधी) अभी तैयार नहीं हैं".
वह आगे कहते हैं कि कांग्रेस नेता पिछले दो लोकसभा चुनावों 2014 और 2019 में खुद को साबित नहीं कर पाए. लेकिन 2021 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ममता बनर्जी (पीएम मोदी के लिए) एक विकल्प के रूप में उभरने में सफल रही हैं.
वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि यह विपक्षी सहयोगियों को सर्वसम्मति से तय करना है कि उनका नेता यानि विपक्ष का चेहरा कौन होगा. उन्होंने कहा, "भारतीय राजनीति के इतिहास ने दिखाया है कि जब एक गठबंधन बनता है, तो सहयोगी सर्वसम्मति से निर्णय लेते हैं कि गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा, इसलिए बहुत सारी राय हो सकती हैं, लेकिन यह अंतिम फैसला नहीं है".
फिलहाल लोकसभा चुनाव को अभी काफी वक्त है, लेकिन बंगाल में ममता बनर्जी की जीत के बाद से ही टीएमसी ममता को विपक्ष के चेहरे तौर पर लोगों के सामने रख रही है.
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