TMC Leader Arrested: पश्चिम बंगाल के कथित राशन वितरण घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या को गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी उत्तरी 24 परगना जिले के एक अन्य टीएमसी (TMC) नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी करने जा रही ईडी (ED) की टीम पर हमले के एक दिन बाद हुई.
बता दें, बनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में उनसे जुड़े परिसरों पर ईडी द्वारा व्यापक तलाशी के बाद गिरफ्तार किया गया था. उनकी पत्नी ज्योत्सना आध्या ने दावा किया कि जांच के दौरान जांच एजेंसी के अधिकारियों के साथ सहयोग करने के बावजूद उनके पति को गिरफ्तार कर लिया गया. जब शंकर आध्या को केंद्रीय बल ले जा रहे थे, तो स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.
PDS राशन को खुले बाजार में बेचने का आरोप
ईडी कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल में शंकर आध्या और एक अन्य टीएमसी नेता शाहजहां शेख के परिसरों पर छापेमारी कर रही थी. जांच एजेंसी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का लगभग 30 प्रतिशत राशन खुले बाजार में भेज दिया गया था.
शंकर आध्या को गिरफ्तार पूर्व खाद्य मंत्री और वर्तमान वन मंत्री ज्योतिप्रियो मल्लिक का सहयोगी माना जाता है. वह 2015 से 2020 तक बनगांव नगर पालिका में नगरपालिका अध्यक्ष थे. वर्तमान में, वह टीएमसी जिला सलाहकार समिति के सदस्यों में से एक हैं.
मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक जांच के दौरान ईडी को कथित राशन वितरण घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता मिली थी. उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ के दौरान ज्योतिप्रियो मल्लिक ने भी उनका नाम लिया था.
ईडी ने कहा कि घोटाले में कथित भूमिका के लिए शंकर आध्या को गिरफ्तार किया गया है. टीएमसी नेता की बनगांव में एक चावल मिल और विदेशी मुद्रा विनिमय का व्यवसाय था. इस बात की जांच की जा रही है कि क्या उन्होंने अपने व्यवसाय के माध्यम से धन शोधन किया, जो घोटाले के माध्यम से आया था?
जब ED के गाड़ी पर हुआ हमला
शुक्रवार, 5 जनवरी को ईडी अधिकारियों पर संदेशकाली में कथित तौर पर शाहजहां शेख के समर्थकों की भीड़ ने हमला किया, जब वे कथित राशन वितरण घोटाले में उनके आवास पर छापा मारने जा रहे थे. हमले के दौरान उनकी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई.
जांच एजेंसी ने कहा कि "800-1,000 लोगों" का एक समूह "हत्या करने के इरादे से" हमले में शामिल था.
इस घटना से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है और राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हमले को ''भयानक'' बताते हुए कहा कि हिंसा को रोकना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.
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