ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘आरे’ पर BJP-सेना की टक्कर,आदित्य के बाद उद्धव ठाकरे भी हुए खिलाफ

CM फडणवीस ने आरे की जमीन को सरकारी बताया है और साफ किया है कि ये फॉरेस्ट लैंड नहीं है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

आरे कॉलोनी की जमीन पर प्रस्तावित मेट्रो कार शेड को लेकर शिवसेना और बीजेपी में टकराव बढ़ता जा रहा है. युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे के बाद अब शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी प्रोजेक्ट का जमकर विरोध किया है. उद्धव ठाकरे ने मुंबई में कहा कि जो नाणार रिफाइनरी प्रोजेक्ट का हाल हुआ वही आरे का भी होगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उद्धव ठाकरे का इशारा साफ है. शिवसेना आरे के जंगल में 2700 पेड़ किसी भी हालत में काटने नहीं देना चाहती. बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएम फडणवीस कोंकण के रत्नागिरी जिले में रिफाइनरी प्रोजेक्ट बनाना चाहती थी. लेकिन शिवसेना के कड़े विरोध के बाद सीएम फडणवीस को चुनाव से ठीक पहले इसे रद्द करने की घोषणा करनी पड़ी जिसके बाद ही शिवसेना- बीजेपी के बीच लोकसभा चुनाव का गठबंधन संभव हो सका था.

सरकारी है आरे की जमीन, फॉरेस्ट लैंड नहीं- फडणवीस

इस मामले में फडणवीस ने कहा कि आरे कॉलोनी की जिस जमीन पर मेट्रो 3 का कार शेड प्रस्तावित है, वह सरकार की जमीन है. वह फॉरेस्ट लैंड नहीं है. जो दावा किया जा रहा है कि वहां दुर्लभ जानवर रहते हैं, जंगल की इकोलॉजी को नुकसान होगा, ये सही नहीं, इतना ही नहीं फडणवीस ने पुणे में कहा कि आरे के लिए सजेशन और ऑबजेक्शन आए है. 13 हजार में से 10 हजार ऑनलाइन ऑबजेक्शन बेंगलुरु की वेबसाइट से आए हैं. समझ सकते हैं कि ये किस मंशा के तहत किया जा रहा है. फडणवीस ने साफ किया कि वह जल्द आदित्य ठाकरे से इस विषय पर बात भी करेंगे.

यह मेट्रो सीएम फडणवीस का ड्रीम प्रोजेक्ट है. वे इसे हर हाल में जल्द पूरा करना चाहते हैं. सवाल यह है कि शिवसेना के विरोध के बाद प्रोजेक्ट कैसे जल्द पूरा होगा.

शिवसेना - बीजेपी गठबंधन पर लगा ग्रहण ?

विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है. महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है. उधर शिवसेना-बीजेपी गठबंधन जो कुछ दिन पहले तक आसान लग रहा था उस पर ग्रहण लगता दिख रहा है. दरअसल सीएम फडणवीस ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के सामने जो फॉर्मूला रखा है वो शिवसेना को नामंजूर है. जानकारी के मुताबिक सीएम फडणवीस ने शिवसेना को 119 सीट देने को तैयार है जबकि शिवसेना 135 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है.

साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग चुनाव लड़े थे. इस चुनाव में बीजेपी को 122 सीटें और शिवसेना को 63 सीटें आई थीं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×