UP BJP District President List: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में जिलाध्यक्षों की बहुप्रतीक्षित लिस्ट शुक्रवार, 16 सितंबर को जारी कर दी. पार्टी ने पूरे प्रदेश को 6 क्षेत्रों में बांटा है- अवध, गोरखपुर, काशी, कानपुर, पश्चिमी और ब्रज. इन क्षेत्रों में जिलेवार 98 जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा हुई है. अगर अनाधिकारिक आंकड़ों की माने तो इनमें 69 नए नाम हैं और 29 पुराने चेहरों पर पार्टी ने भरोसा जताया है.
पश्चिम क्षेत्र में सबसे ज्यादा फेरबदल, कुल चार महिला चेहरों को जगह
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आते हैं और इसका असर इस संगठनात्मक फेरबदल में देखने को मिला. पश्चिम क्षेत्र की जारी जिला अध्यक्षों की लिस्ट में 19 में 16 नए नाम हैं. सिर्फ नोएडा, गाजियाबाद और सहारनपुर में पुराने चेहरे पर भरोसा दिखाया गया है.
वहीं अगर अवध क्षेत्र की बात करें तो 15 में से 10 जिलों में नए जिला अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं.
गोरखपुर क्षेत्र में 12 में से 9 जिलों में जिला अध्यक्ष बदले गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर के जिला अध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह को बरकरार रखा गया है. अगर कानपुर क्षेत्र की बात करें तो 17 में से 13 जिलों में नए जिला अध्यक्ष बनाए गए हैं. बृज क्षेत्र में 19 में से 11 जिलों में नए चेहरों को मौका दिया गया है.
पूर्वांचल में अगर काशी क्षेत्र की बात करें तो यहां 16 में से 10 जिलों में नए जिला अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं. वाराणसी महानगर, वाराणसी जिला, जौनपुर, मछली शहर और सुल्तानपुर के जिला अध्यक्ष अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे.
घोसी में दल बदलू नेता पर दांव लगाकर हारने वाली बीजेपी ने संगठनात्मक बदलाव में मऊ में पहली बार महिला चेहरे पर भरोसा दिखाया है. तकरीबन एक दशक से पार्टी से जुड़ीं नूपुर अग्रवाल को जिला अध्यक्ष बनाया गया है. जानकारों की माने तो इस फैसले से महिला सशक्तिकरण का संदेश तो जाता ही है, साथ ही व्यापारी वर्ग में बीजेपी अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेगी.
बीजेपी की जिला अध्यक्षों की लिस्ट में चार महिला चेहरों को जगह मिली है.
कई विवादित चेहरों को मिली जगह
जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश की गयी है. लिस्ट में ब्राह्मण, ठाकुर और ओबीसी चेहरों का दबदबा है. विकास दुबे एनकाउंटर के बाद से ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप झेल रही बीजेपी ने इस बार कई ब्राह्मण चेहरों पर दाव लगाया है.
इसमें बागपत के नए जिला अध्यक्ष वेदपाल उपाध्याय, अमेठी के जिला अध्यक्ष रामप्रसाद मिश्रा, भदोही के दीपक मिश्रा, प्रयागराज महानगर में राजेंद्र मिश्र, बस्ती में विवेकानंद मिश्रा महाराजगंज में संजय पांडेय और बहराइच में बृजेश पांडेय भी शामिल है.
पश्चिम उत्तर प्रदेश में त्यागी समाज के लोगों ने बीजेपी के खिलाफ कई मामलों पर मोर्चा खोला था. ऐसे में लिस्ट में भूमिहार और त्यागी समाज के लोगों का भी नाम देखने को मिला है.
जिला अध्यक्षों की सूची में एक भी मुस्लिम या सिख चेहरा नहीं है.
कुछ विवादित चेहरे को भी इस लिस्ट में जगह मिल गई है. अपनी ही गैस एजेंसी में घटतौली का आरोप झेल रहे अधीर सक्सेना को बरेली का जिला अध्यक्ष बना दिया गया है. जौनपुर के जिला अध्यक्ष पुष्पराज सिंह अपने छोटे भाई ऋतुराज सिंह के कारनामे की वजह से चर्चा में रहते हैं. ऋतुराज के ऊपर गुंडागर्दी के कई मामले प्रकाश में आए हैं. इसी साल फरवरी में इलेक्ट्रॉनिक चैनल के एक जिला संवाददाता के ऊपर हुए जानलेवा हमले का आरोपी ऋतुराज सिंह पर लगा था. इस मामले में ऋतुराज और उसके उन साथियों के ऊपर मुकदमा भी हुआ था, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई.
बड़े नेताओं के करीबियों ने बनाई जगह
लिस्ट में अगर नाम पर गौर करें तो यह साफ हो जाएगा कि इन नाम के मंथन में बीजेपी के अलावा आरएसएस की भी खास दखल थी. संघ से जुड़े कई लोगों को नए दायित्व मिले हैं. एक समय कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी की अगर बात करें तो यहां पर लंबे समय से संघ से जुड़े रहे रामप्रसाद मिश्रा को दुर्गेश त्रिपाठी की जगह जिला अध्यक्ष बनाया गया है. प्रतापगढ़ के जिला अध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव की बात करें तो पेशे से प्रवक्ता है लेकिन उन्होंने अपने छात्र राजनीति की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी. धीरे-धीरे वह बीजेपी संगठन में ऊपर बढ़ते रहे और अब उन्हें जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
वहीं चर्चा यह भी है कुछ चेहरों को बड़े नेताओं और मंत्रियों के करीबी होने का फायदा मिला. गोरखपुर के जिला अध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह और महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता को बीजेपी उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह का करीबी माना जाता है और यहां कोई बदलाव नहीं हुए. बागपत में सूरजपाल गुर्जर की जगह वेदपाल उपाध्याय को जिला अध्यक्ष बनाया गया है. वेदपाल को बागपत सांसद सत्यपाल सिंह का करीबी माना जाता है.
मिर्जापुर में बृजभूषण सिंह को बीजेपी का जिला अध्यक्ष बनाया गया है. पार्टी में उनकी गिनती राजनाथ सिंह के करीबी नेताओ में होती है. बीजेपी और अपना दल (एस) के बीच गठबंधन होने के बाद शुरू से ही वह दोनों दलों में समन्वय की भूमिका में रहे हैं. अपना दल (एस) के केंद्रीय नेतृत्व आशीष पटेल और अनुप्रिया पटेल के साथ भी उनके अच्छे रिश्ते हैं. बीजेपी नेतृत्व ने उन्हें जिम्मेदारी देकर गठबंधन में तालमेल के साथ जीत हासिल करने की बड़ी जिम्मेदारी दी है.
हारने वाली सीटों पर भी हुए फेरबदल
2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी पार्टी ने पूर्व के उपचुनावों में हुई हार की समीक्षा के संकेत भी जिला अध्यक्षों के फेरबदल में दे दिए हैं. मुजफ्फरनगर, मैनपुरी, मऊ जैसे जिलों में जिला अध्यक्ष बदले गए हैं. पार्टी ने मैनपुरी में प्रदीप चौहान की जगह राहुल चतुर्वेदी को जिला अध्यक्ष बनाया है.
मुजफ्फरनगर में पार्टी ने विजय शुक्ला की जगह सुधीर सैनी को कमान सौंपी है. सैनी को दूसरी बार पार्टी का जिला अध्यक्ष बनाया गया है. जानकारों की माने तो सैनी की ताजपोशी से बीजेपी जातीय समीकरण को साधने की भी कोशिश कर रही है. पिछले साल मुजफ्फरनगर की खतौली सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी विक्रम सैनी को शिकस्त का सामना करना पड़ा था.
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