(कोर्ट से सजा सुनाये जाने के बाद कॉपी को अपडेट किया गया है)
Sonbhadra Rape Case: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दुद्धी से BJP विधायक रामदुलार गोंड (Ramdular Gond) को 25 साल जेल की सजा हुई है. साथ ही उनपर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. इसका मतलब यह भी है कि रामदुलार गोंड की विधायकी अब जायेगी.
इससे पहले अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) की तरफ से मंगलवार, 12 दिसंबर को मामले की सुनवाई की गई. वकीलों की तरफ से पेश की गई दलीलों और पेश हुए सबूत को देखते हुए, विधायक को दोषसिद्ध करार दे दिया गया.
वर्ष 2022 में बीजेपी ने सोनभद्र जिले की दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से रामदुलार गोंड को विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा था. रामदुलार गोंड ने दिग्गज आदिवासी नेता विजय सिंह गोंड को हराकर जीत दर्ज की थी.
क्या है पूरा मामला?
सोनभद्र जिले के म्योरपुर थाना क्षेत्र के रासपहरी गांव निवासी रामदुलार गोंड के खिलाफ वर्ष 2014 में म्योरपुर थाने में पाक्सो एक्ट व 376 आईपीसी के तहत केस दर्ज कराया गया था. जिस समय यह केस दर्ज हुआ था, उस समय रामदुलार की पत्नी रासपहरी गांव की प्रधान थीं.
पिछले एक साल से मामले की आखिरी सुनवाई को लेकर पेंच फंसा हुआ था. विधायक पक्ष की तरफ से कभी बहस न होने तो कभी रेप सर्वाइवर के बालिग होने के दावे तो कभी अदालत पर अविश्वास जताकर मामले को लटकाया जाता रहा. दो बार निर्णय के लिए तिथि भी तय हुई लेकिन ऐन वक्त पर मामला आगे के लिए टलता रहा. इस बीच सुनवाई कर रहे दो जज भी बदल गए. आखिरकार मंगलवार को मामले में आखिरी सुनवाई पूरी हुई और शुक्रवार को सजा का ऐलान हुआ.
रेप सर्वाइवर के भाई ने कहा- अदालत पर था भरोसा, न्याय की हुई जीत
रेप सर्वाइवर के भाई ने इसे न्याय की जीत करार देते हुए कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है. इस बात की पूरी उम्मीद है कि 15 दिसंबर को सुनाए जाने वाले फैसले में रामदुलारे गोंड़ को कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जाएगी. वहीं, सर्वाइवर की ओर से अधिवक्ता का दायित्व निभा रहे विकास शाक्य ने इसे न्याय की जीत बताते हुए कहा कि लंबे समय से यह लड़ाई लड़ी जा रही थी. फैसला आने में लगभग नौ साल लग गए. अब जाकर न्याय मिला है.
2 साल से अधिक सजा होने पर जाती है विधायकी
विधायक रामदुलार गोंड को 25 साल की सजा मिलने के साथ ही उनकी विधायकी जानी तय है. बता दें कि दो साल से अधिक सजा पर विधायकी खत्म किए जाने का प्रावधान है. अब दुद्धी विधानसभा में उपचुनाव की स्थिति देखने को मिल सकती है.
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