ADVERTISEMENTREMOVE AD

अखिलेश पर भड़कीं मायावती,कहा-संकीर्ण राजनीति में माहिर,पड़ेगी फूट

2019 लोकसभा चुनाव में एक साथ थे मायावती-अखिलेश

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) होने हैं, उससे पहले तोड़-जोड़ और बयानों के तीर चल रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी (BSP) के करीब 9 बागी विधायकों के समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलें और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की खबरों के बाद मायावती (Mayawati) ने तीखा हमला बोला है. मायावती ने समाजवादी पार्टी के को दलित-विरोधी बताया है और संकीर्ण राजनीति में माहिर होने का आरोप लगाया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव जिन विधायकों से मिले हैं उन लोगों को काफी पहले ही समाजवादी पार्टी और एक उद्योगपति से मिली भगत के कारण बीएसपी से निलम्बित किया जा चुका है.

मायावती ने अपने ट्वीट में कहा,

घृणित जोड़तोड़, द्वेष व जातिवाद आदि की संकीर्ण राजनीति में माहिर समाजवादी पार्टी द्वारा मीडिया के सहारे यह प्रचारित करना कि बीएसपी के कुछ विधायक टूट कर सपा में जा रहे हैं घोर छलावा है. जबकि उन्हें काफी पहले ही समाजवादी पार्टी और एक उद्योगपति से मिलीभगत के कारण राज्यसभा के चुनाव में एक दलित के बेटे को हराने के आराप में बीएसपी से निलम्बित किया जा चुका है.

मायावती ने कहा- SP में पड़ेगी फूट

मायावती ने आगे कहा, “समाजवादी पार्टी अगर इन निलंबित विधायकों के प्रति थोड़ी भी ईमानदार होती तो अब तक इन्हें अधर में नहीं रखती. क्योंकि इनको यह मालूम है कि बीएसपी के अगक इन विधायकों को लिया तो समाजवादी पार्टी में बगावत और फूट पड़ेगी, जो बीएसपी में आने को आतुर बैठे हैं.

जगजाहिर तौर पर SP का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा ही दलित-विरोधी रहा है, जिसमें थोड़ा भी सुधार के लिए वह कतई तैयार नहीं. इसी कारण SP सरकार में बीएसपी सरकार के जनहित के कामों को बंद किया व खासकर भदोई को नया संत रविदास नगर जिला बनाने को भी बदल डाला, जो अति-निन्दनीय. वैसे बीएसपी के निलंबित विधायकों से मिलने आदि का मीडिया में प्रचारित करने के लिए कल किया गया SP का यह नया नाटक यूपी में पंचायत चुनाव के बाद अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के चुनाव के लिए की गई पैंतरेबाजी ज्यादा लगती है. यूपी में बीएसपी जन आकांक्षाओं की पार्टी बनकर उभरी है जो जारी रहेगा.

बता दें कि मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से बीएसपी के बागी विधायकों के एक दल ने मुलाकात की है. पहले खबरें आ रही थीं कि बीएसपी से निलंबित 9 विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. फिलहाल इन विधायकों के समाजवादी पार्टी में जुड़ने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

2019 लोकसभा चुनाव में एक साथ थे मायावती-अखिलेश

2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों करारी हार के बाद 2019 लोकसभा चुनाव में पुरानी दुशमनी को भुलाकर अखिलेश यादव और मायावती की पार्टी ने एक साथ चुनाव लड़ा था. जिसका सीधा फायदा मायावती को हुआ. लोकसभा में बीएसपी जीरो से 10 सासंद वाली पार्टी बन गई. वहीं समाजवादी पार्टी 5 सीटों पर सिमट गई. लेकिन चुनाव के ठीक बाद मायावती ने समाजवादी पार्टी पर इलजाम लगाते हुए गठबंधन से खुद को अलग कर लिया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×