ADVERTISEMENTREMOVE AD

UP Elections 2022: अखिलेश-शिवपाल के बीच थी सुलह की चर्चा, फिर कहां फंसा मामला?

Akhilesh Yadav ने जिस दिन समाजवादी विजय यात्रा निकाली उसी ने शिवपाल ने परिवर्तन यात्रा शुरू की

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

भारत के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. सभी सियासी दल अपना लोहा आजमाने के लिए पूरी तरह से तैयारियों में जुट चुके हैं. सत्ताधारी दल बीजेपी (BJP) एक बार फिर से जीत दोहराने की कोशिश में है तो वहीं कांग्रेस अपनी खोयी हुई जमीन तलाशने की जद्दोजहद में लगी नजर आ रही है.

वहीं अगर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की बात की जाय तो यहां पर अलग कहानी देखने को मिलती है. अखिलेश यादव और शिवपाल यादव दोनों अलग-अलग रास्तों पर चलते नजर आ रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

शुरुआत में ऐसी अटकलें सामने आ रही थीं कि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव दोनों एक साथ मैदान में आ रहे हैं. अखिलेश यादव ने भी कई बार बोला था कि हम साथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन जब मंगलवार को अखिलेश यादव की 'समाजवादी विजय यात्रा' और उनके चाचा शिवपाल यादव की 'सामाजिक परिवर्तन यात्रा' एक ही दिन अलग-अलग जगहों से निकली तो पूरी कहानी बदलती हुई दिखी.

अब सुर्खियां ये बन रही हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में चाचा-भतीजा अपने दल के साथ आमने-सामने होंगे.

अखिलेश यादव की विजय यात्रा

Akhilesh Yadav ने जिस दिन समाजवादी विजय यात्रा निकाली उसी ने शिवपाल ने परिवर्तन यात्रा शुरू की

अखिलेश यादव की विजय यात्रा

(Photo:Twitter/samajwadiparty)

मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानपुर से समाजवादी विजय यात्रा की शुरुआत की. अखिलेश यादव ने कहा कि जब-जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने यात्रा निकाली है, तब-तब सूबे में परिवर्तन हुआ है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक अखिलेश इस विजय यात्रा के जरिए पूरे प्रदेश में भ्रमण करेंगे और किसानों व बुजुर्गों का आशीर्वाद लेंगे. लखीमपुर की घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि लखीमपुर में कानून को कुचला गया है.

0

शिवपाल यादव की परिवर्तन यात्रा

Akhilesh Yadav ने जिस दिन समाजवादी विजय यात्रा निकाली उसी ने शिवपाल ने परिवर्तन यात्रा शुरू की

मथुरा से शिवपाल की परिवर्तन यात्रा

(Photo:Twitter/shivpalsinghyad)

जिस दिन अखिलेश यादव की विजय यात्रा का शुभारंभ हुआ, उसी दिन शिवपाल यादव के द्वारा मथुरा से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) की समाजवादी परिवर्तन यात्रा की भी शुरुआत हुई.

बांकेबिहारी मंदिर का दर्शन करने के बाद यात्रा की शुरुआत हुई. पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि हम सत्ता परिवर्तन करने के लिए यह यात्रा निकाल रहे हैं, प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होकर ही रहेगा. हम ठाकुर बांकेबिहारी जी से रथयात्रा सफल होने की मनौती मांगने आए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश जमीन पर कहीं नजर नहीं आ रहे हैं.

अखिलेश और शिवपाल की रथ यात्राओं में खास बात ये रही कि दोनों पार्टियों की होर्डिंग्स पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का चेहरा प्रमुखता से नजर आया.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

किसका फायदा और किसका हो सकता है नुकसान?

मंगलवार को दोनों की रथ यात्राओं बाद अब कयास ये लगाए जा रहे हैं कि अभी तक चाचा-भतीजा किसी समझौते पर नहीं पहुंच पाए हैं. इसका कारण ये हो सकता है कि शिवपाल यादव, अपने बेटे आदित्य और कुछ समर्थकों के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि शिवपाल यादव कुछ ज्यादा सीटों की मांग कर रहे होंगे, इसलिए सम्झौता होते-होते रह गया.

दोनों के गुरु मुलायम सिंह यादव ने कई बार समझौता करवाने की कोशिश की. पिछले दिनों कई बार स्टेज पर चाचा-भतीजे को साथ भी देखा गया, अखिलेश यादव, चाचा शिवपाल का पैर छूते भी नजर आए थे.

गौरतलब है कि इटावा, फिरोजाबाद, बदायूं, मैनपुरी, कन्नौज, सैफई, आगरा और औरैया जैसे जिलों में समाजवादी पार्टी का गहरा प्रभाव होने के साथ-साथ शिवपाल यादव का भी दबदबा है. ऐसा माना जा रहा है कि अगर चाचा-भतीजा ने गठबंधन नहीं किया तो वोट बंटने से दोनों को नुकसान होगा. अगर ऐसी स्थिति बनती है तो बीजेपी को फायदा होगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अखिलेश यादव कह चुके हैं वो किसी भी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे क्योंकि बड़ी पार्टियों के साथ उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा है. इसलिए वो छोटी पार्टियों से ही गठबंधन करने की तैयारी में हैं. इन छोटे दलों में एक शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी भी है. अब देखने वाली बात ये है कि चाचा-भतीजे का गठबंधन हो पाता है या नहीं है.

बता दें कि समाजवादी पार्टी के गठबंधन की बातें आम आदमी पार्टी (AAP) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के साथ भी चल रही हैं, लेकिन किसके हिस्से में कितनी सीटें होंगी, ये मुद्दा अभी तक किसी भी पार्टी के साथ स्पष्ट नहीं हो सका है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें