ADVERTISEMENTREMOVE AD

UP चुनाव:पूर्व MP शाहिद सिद्दीकी जयंत चौधरी की RLD में हुए शामिल 

कांग्रेस,BSP,समाजवादी पार्टी,सब से रहे हैं शाहिद सिद्दीकी के रिश्ते.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी बदलने और पार्टी में शामिल होने का सिलसिला शुरू है. पूर्व राज्यसभा सांसद और पत्रकार शाहिद सिद्दीकी सोमवार को राष्ट्रीय लोकदल (RLD) में शामिल हुए. शाहिद सिद्दीकी ने लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के घर पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. शाहिद सिद्दीकी के अलावा मायावती की पार्टी बीएसपी के पूर्व प्रधान महासचिव और लोकसभा चुनाव लड़ चुके चौधरी मोहम्मद इस्लाम भी आज जयंत चौधरी से मुलाकात कर आरएलडी में शामिल हो गए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

शाहिद सिद्दीकी ने आरएलडी में शामिल होने के बाद कहा, "जयंत चौधरी जी के साछ शामिल होकर किसान के अधिकारों और हर समाज के गरीब की लड़ाई को एक नई दिशा देनी है. जयंत आज देश के युवा की आवाज हैं और जमीनी नेता हैं. सब समाज की एकता और भलाई के लिए काम करना है."

वहीं जयंत चौधरी ने कहा,

“शाहिद सिद्दीकी जी का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है. एक स्थापित पत्रकार और पूर्व सांसद, उनकी बौद्धिक क्षमता, बौलने की कला और सक्रियता का सम्मान करते हैं. हम भाईचारा को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे.”

कांग्रेस,BSP,समाजवादी पार्टी,सब से रहे हैं रिश्ते

ये कोई पहला मौका नहीं है जब शाहिद सिद्दीकी ने आरएलडी ज्वाइन किया हो. कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत करने वाले शाहिद सिद्दीकी 2010 में राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हुए थे, लेकिन 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले, सिद्दीकी ने कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन के विरोध में आरएलडी से इस्तीफा दे दिया और समाजवादी पार्टी में लौट गए थे.

कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रमुख रहने के बाद शाहिद सिद्दीकी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. साल 2002 से 2008 तक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे और राज्यसभा के सदस्य भी बने. हालांकि 2008 में समाजवादी पार्टी की कट्टर प्रतिद्वंद्वी ममता बनर्जी की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में शामिल हो गए. लेकिन मायावती के खिलाफ बयान देने की वजह से पार्टी ने निष्कासित कर दिया.

शाहिद सिद्दीकी उर्दू अखबार नई दुनिया के चीफ एडिटर भी हैं.

वहीं चौधरी मोहम्मद इस्लाम 2017 में शामली विधानसभा से बीएसपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं. इसके अलावा 1989 में बीएसपी के टिकट पर कैराना लोकसभा से चुनाव लड़े और फिर 1993 में बीएसपी के ही टिकट पर थानाभवन विधानसभा सीट से चुनाव लड़े चुके हैं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में आरएलडी के चीफ अजित चौधरी के निधन के बाद पार्टी को मजबूत बनाने की बड़ी जिम्मदेरी जयंत चौधरी के कंधे में है. शाहिद सिद्दीकी और चौधरी इस्लाम के आरएलडी में शामिल होने को भी इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×