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युवाओं को काबिल बनाने के लिए ‘स्टार्टअप एक्सप्रेस’ लगाएगी UP सरकार

ये कार्यक्रम तीन फेज में आयोजित किया जाएगा और इसके लिए पूरे राज्य को चार भागों में बांटा गया है.

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उत्तर प्रदेश सरकार नए-नए एंटरप्रेन्योर बनाने और स्टार्टअप तैयार करने के लिए प्रदेश में 'स्टार्टअप एक्सप्रेस' प्रोग्राम आयोजित करेगी. राज्य के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने 'उत्तर प्रदेश स्टार्टअप सम्मेलन-2019' को संबोधित करते हुए कहा, ''सरकार युवाओं को स्टार्टअप के प्रति प्रेरित करने, उनका मार्गदर्शन करने और उन्हें काबिल बनाने के लिए पूरे प्रदेश में स्टार्टअप एक्सप्रेस प्रोग्राम आयोजित करेगी.''

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शर्मा ने बताया कि ये कार्यक्रम तीन फेज में आयोजित किया जाएगा और इसके लिए पूरे राज्य को चार भागों में बांटा गया है.

अलग-अलग फेज में प्रदेश के 6 हजार युवाओं को शामिल करने के लिए 12 एकदिवसीय ‘जागरुकता कार्यशालाएं (सेन्सटाइजेशन वर्कशाप) आयोजित की जाएगी, जिसमें हर जोन में तीन कार्यशालाएं होंगी. सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 1,440 पार्टिसिपेंट्स को अगले फेज में एंट्री का मौका दिया जाएगा.
दिनेश शर्मा, डिप्टी सीएम, यूपी
ये कार्यक्रम तीन फेज में आयोजित किया जाएगा और इसके लिए पूरे राज्य को चार भागों में बांटा गया है.
युवाओं को काबिल बनाने के लिए ‘स्टार्टअप एक्सप्रेस’ लगाएगी UP सरकार
(फोटो: ट्विटर)

दिनेश शर्मा ने कहा कि दूसरे फेज में कारोबार में नयापान, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और प्रोटोटाइप विकसित करने जैसी इत्यादि से जुड़ी पहल होंगी. प्रदेश में स्टार्टअप क्रांति को प्रेरित करने के लिए लखनऊ में इनक्यूबेटर की स्थापना की जाएगी. सिर्फ प्रदेश के स्टार्टअप के लिए वित्तीय पहुंच सुगम बनाने के लिए 1,000 करोड़ रुपये से ‘उत्तर प्रदेश स्टार्टअप फंड’ की स्थपना की जा रही है.

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार की वर्तमान में स्थापित हो रही कई आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स योजनाओं की ओर से आगामी पांच सालों में पांच लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलेगा.

"देश में आर्थिक मंदी नहीं, बल्कि सुस्ती"

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने रविवार को देश की अर्थव्यवस्था के हालात को 'आर्थिक सुस्ती' करार दिया. उन्होंने कहा, देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को आर्थिक मंदी नहीं बल्कि 'आर्थिक सुस्ती' कहा जाना चाहिए. इस वक्त अमेरिका और यूरोपीय देशों में मंदी का दौर चल रहा है, जिसका परोक्ष असर भारत पर पड़ रहा है.

उन्होंने दावा किया कि निर्यात को बढ़ावा देने और आयात कम करने के साथ-साथ लोगों को कम दाम पर स्वदेशी चीजें उपलब्ध कराने से अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकी जा सकती है.

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