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UP पंचायत चुनाव: विकास दुबे के बाद बिकरू में प्रधानी के कई दावेदार

बिकरू गांव में 25 साल बाद प्रधान पद के लिए 10 दावेदार

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यूपी पंचायत चुनावों की प्रक्रिया जारी है. राज्य में कुल 4 चरणों में पंचायत चुनाव के लिए मतदान होगा. कुल 75 जिला पंचायत अध्यक्षों , 826 ब्लॉक प्रमुख, 3051 जिला पंचायत सदस्य, 75855 क्षेत्र पंचायत सदस्य, 58194 ग्राम पंचायत, 731813 ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव कराया जाना है. चार चरणों में होने जा रहे चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 15 अप्रैल को है.

ऐसे में क्विंट आपके लिए इन पंचायत चुनावों में कुछ ऐसे प्रत्याशियों, निर्वाचन क्षेत्रों की स्टोरी लेकर आया है, जो हटके हैं. इसी क्रम में आइए जानते हैं कानपुर के उस बिकरू गांव के चुनावों का हाल. इस गांव में हुए एनकाउंटर और विकास दुबे की मौत के बाद यहां के चुनाव में क्या बदला है?

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25 साल बाद प्रधान पद के लिए 10 दावेदार

बिकरू ग्रामसभा में 25 साल बाद प्रधान पद के 10 दावेदार सामने आए हैं. इससे पहले विकास दुबे की ग्रामीणों में इस कदर दहशत थी कि कोई भी दावेदार खड़ा नहीं होता था. विकास जिसको चाहता था, उसको निर्विरोध चुनाव जीताया जाता था. इसके साथ ही विकास जिसे कहता था, ग्रामीण उसे ही वोट देते थे. विकास दुबे की मौत के बाद ग्रामीण आजादी महसूस कर रहे हैं.

बिकरू गांव में 25 साल बाद प्रधान पद के लिए 10 दावेदार
बिकरू गांव में पंचायत चुनाव
(Photo- Quint Hindi)

1995 से प्रधान पद पर विकास दुबे ने जमा रखा था कब्जा

1995 में विकास दुबे बिकरू गांव से ग्राम प्रधान चुना गया. इसके बाद से विकास जिसको चाहता था, उसको ग्राम प्रधान बनाता था.

सन् 2000 में अनुसूचित जाति की सीट होने पर विकास ने गांव की गायत्री देवी को प्रत्याशी बनाया था. गायत्री देवी चुनाव जीत कर प्रधान बन गईं. 2005 में जनरल सीट होने पर विकास के छोटे भाई दीपक की पत्नी अंजली को निर्विरोध प्रधान चुना गया.

सन 2010 में बैकवर्ड सीट होने पर विकास ने रजनीश कुशवाहा को मैदान में उतारा था. रजनीश कुशवाहा ग्राम प्रधान चुना गया. 2015 में अंजली दुबे दोबारा निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनी गई थीं. प्रधान कोई भी बने, लेकिन बिकरू गाँव का प्रधान विकास दुबे के संरक्षण से ही बनता था.

गांव के लोगों की क्या है राय?

इसी गांव के रहने वाले गफूर कहते हैं कि इस बार चुनाव बहुत अच्छा हो रहा है.पिछले 10 सालों से विकास दुबे के डर के मारे कोई खड़ा नहीं होता था. कोई खड़ा होता था तो बहुत मारता पीटता था. इसके पहले विकास निर्विरोध चुनाव करवाता था. कोई चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था. इस बार गांव का अच्छा माहौल है. गांव के राजाराम भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं, उनका कहना है कि चुनाव का माहौल बहुत अच्छा है. सब कुछ अच्छा चल रहा है. हर बार निर्विरोध चुनाव हो जाता था इस बार 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है.

गांव मे प्रधान पद की प्रत्याशी मधु के पति के का कहना है कि

मेरी पत्नी मधु ग्राम पंचायत बिकरू से प्रधान पद की उम्मीदवार है, गांव का बहुत ही अच्छा माहौल है गांव के लोग निर्भीक होकर चुनाव का प्रचार कर रहे है. 30 साल बाद ऐसा मौका आया है. पहले विकास दुबे के डर से चुनाव निर्विरोध हो जाता था. चुनाव नाम की कोई चीज ही नहीं होती थीं .अब सब स्वतंत्र होकर प्रचार कर रहे है अब जनता जिसको चाहेगी उसको वोट देगी.

विकास दुबे के परिवार ने पंचायत चुनाव से बनाई दूरी

पंचायत चुनाव 2021 में बिकरू गांव से अनुसूचित जाति जनजाति का प्रधान होगा. बिकरू ग्रामसभा में डिब्बा निवादा मजरा आता है. गांव की आबादी लगभग 800 है. बिकरू गांव में 7 दावेदारों और मजरा डिब्बा निवादा से 3 दावेदारों ने नामांकन किया है. सभी दावेदार पूरी ताकत से चुनाव के प्रचार में लगे हैं. वहीं, विकास के परिवार ने पंचायत चुनाव से दूरी बना ली है और परिवार का कोई सदस्य चुनाव में नहीं उतरा है

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