देश के सबसे बड़े 'सियासी' राज्य उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी है. 15 अप्रैल को पहले चरण के लिए वोटिंग होगी. ऐसे में क्विंट हिंदी अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों से आपके लिए हटके स्टोरी लेकर आया है. इसी क्रम में बात एक ऐसी महिला प्रत्याशी की जो खुद चाय की दुकान चलाकर गुजर बसर करती हैं और चुनाव लड़ने के लिए पीएम मोदी को प्रेरणा मानती हैं.
मीनाक्षी ग्राम प्रधान उम्मीदवार हैं
मुजफ्फरनगर जिले की 35 वर्षीय मीनाक्षी ग्राम प्रधान पद की उम्मीदवार हैं. मेरठ विश्वविद्यालय से स्नातक मीनाक्षी के पति ज्ञान सिंह एक स्थानीय मजदूर हैं. मीनाक्षी अपने गांव चोरावाला से चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटी हुई हैं, जहां करीब 7,000 मतदाताओं में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट भी है.
तीन साल से चाय बेचकर कर रही गुजर-बस
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत मीनाक्षी के लिए एक चाय के दुकान की व्यवस्था कर दी गई. पिछले तीन सालों से वह चाय बेचकर अपने परिवार की आजीविका चलाती हैं. मीनाक्षी कहती हैं, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सफर से प्रेरित हूं. अगर चाय बेचने के बाद वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं, तो मैं एक चायवाली होकर ग्राम प्रधान क्यों नहीं बन सकती हूं?"
वह एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. मीनाक्षी का कहना है कि उन्हें किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन प्राप्त नहीं है, लेकिन उनके पास गांव के लोगों का पूरा साथ है.
तीन बच्चों की मां मीनाक्षी विकास को अपना मुद्दा बताती हैं
उनके पति ज्ञान सिंह के मुताबिक, "साल 2015 में गांववालों ने मेरी पत्नी को ग्राम पंचायत के एक सदस्य के तौर पर चुना था. अब गांववालों ने मेरी पत्नी से कहा है कि अगर मोदी जी चाय बेचकर प्रधानमंत्री बन सकते हैं, तो वह कम से कम ग्राम प्रधान के पद के लिए चुनाव तो लड़ ही सकती है." तीन बच्चों की मां मीनाक्षी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त है और वह अपने गांव में विकास लाना चाहती हैं.
(इनपुट: IANS)
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