गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को मिली जीत का असर दिखने लगा है. अब कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय लोकदल ने संयुक्त विपक्ष का दामन थाम लिया है. बीएसपी ने ये साफ कर दिया है कि वो चुनाव नहीं लड़ेगी.
इन दोनों सीटों पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल अपना उम्मीदवार उतारेंगे. समाजवादी पार्टी और रालोद के नेताओं ने शुक्रवार को राजधानी में तीन घंटे की बैठक के बाद ये फैसला किया कि आने वाले उपचुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिये संयुक्त रूप से उम्मीदवार उतारे जाएं.
RLD-SP के बीच बनी सहमति
RLD के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दूबे ने बताया कि पार्टी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच बैठक के बाद आपसी सहमति बनी कि आने वाले उपचुनाव में दोनों पार्टियां संयुक्त रूप से मैदान में उतरें. उन्होंने बताया कि दोनो दलों के बीच बैठक में ये बात भी हुई कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरना चाहिये.
अभी सीटों का बंटवारा तय नहीं
समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के समर्थन से पिछले दिनों हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीट गोरखपुर और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सीट फूलपुर पर जीत हासिल कर सत्ताधारी बीजेपी के खेमे में हलचल मचा दी थी.
RLD के नेता ने बताया कि अभी इस बात पर फैसला नहीं हुआ कि कौन पार्टी किस सीट पर लड़ेगी लेकिन ये तय है कि दोनों दल एक एक सीट से उम्मीदवार उतारेंगे. उन्होंने बताया कि इस बारे में एक दो दिन में आधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा. बीएसपी पहले ही साफ कर चुकी है कि पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी. कैराना लोकसभा सीट बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन से जबकि नूरपुर विधानसभा सीट लोकेंद्र सिंह के निधन के कारण खाली हुई है. इन दोनों सीटों पर 28 मई को उपचुनाव होना है और नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है.
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