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उपेंद्र कुशवाहा-'नहीं छोड़ेगे पार्टी',नीतीश का वार-किसी के जाने से फर्क नहीं

Upendra Kushwaha ने कहा कि पिछले कई दिनों से मेरे बारे में कई बातें चल रही है, खुद मुख्यमंत्री भी उसमें शामिल हैं.

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपेंद्र कुशवाहा के बीच जुबानी जंग जारी है, दोनों एक दूसरे के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी कर रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नीतीश कुमार पर हमला बोला और कहा कि हम इस पार्टी को छोड़कर नहीं जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री से मिलकर दिसंबर में हमने बात की थी, लेकिन नीतीश जी ने बात करने के बाद कहा था कि आप बीजेपी में जा रहे हैं क्या.

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हम इस पार्टी से नहीं जाएंगे, इस पार्टी को बचाने के लिए अंतिम लड़ाई लड़ूेंगा. हम इस पार्टी में सिर्फ अपने लिए नहीं है, हम लोगों के लिए पार्टी में काम कर रहे हैं, सब लोगों ने इस पार्टी को मिलकर बनाया है. इस पार्टी को हमने भी खून-पसीना दिया है. हमने हमेशा कहा पार्टी कमजोर हो रही है, कई सलाह दिया, उन्होंने कहा कि जेडीयू के सीनियर नेताओं की एक बैठक करेंगे लेकिन आज तक उन्होंने ऐसा नहीं किया. 2 सालों में नीतीश कुमार ने कभी मुझे फोन करके ना बात की ना ही मिलने बुलाया. मुख्यमंत्री कसम खाएं की हम जो बोल रहे हैं वो झूठ है

उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि पिछले कई दिनों से मेरे बारे में कई बातें चल रही है, खुद मुख्यमंत्री भी उसमें शामिल हो गए हैं. जो कुछ भी हम लोगों के बीच बातचीत होती रही हैं वो सामने आ रही हैं. मुख्य मंत्री जी ने कहा था कि कोई भी बात पार्टी के मंच पर होना चाहिए, लेकिन शुरुआत तो नीतीश जी ने की है, मैं जब दिल्ली के अस्पताल में था तो उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि उनसे कहिए मुझसे बात करें, शुरुआत को उन्होंने ही की.

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मैंने तो पहले ही कहा था कि पार्टी की बैठक बुलाई जाए, जिसमें मैं अपनी बातें रखूं, लेकिन नीतीश जी बैठक ही नहीं बुला रहे हैं, तो हम अपनी बात कहां रखेंगे. आरजेडी से डील की जो चर्चा चल रही है उस पर बात करने को हम तैयार हैं, लेकिन पहले बैठक तो बुलाई जाए

वहीं उपेंद्र कुशवाहा का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि क्या आपने कभी किसी राजनीतिक दल के भीतर होने वाली चर्चाओं को बार-बार बाहर बात करते देखा है? लोगों को पार्टी में मिलकर बात करनी चाहिए हमारा इतना स्नेह है कि पार्टी से कोई चला भी जाता है, तो कोई फर्क नहीं पड़ता.

जो मन करे वह करें, पार्टी के तरफ से इन सब चीजों का कोई मतलब नहीं है. सबको पता है कि हम जिनके साथ चुनाव लड़े थे, उनका वोट हमको नहीं मिला और उन लोगों ने हमको वोट नहीं दिया. बात करेगा तो क्यों नहीं बात करेंगे, लेकिन अब कोई बात है क्या. लिख करके बात कर रहे हैं.

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