बिहार की सियासत में इन दिनों सबसे अधिक चर्चा जदयू के संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की है. कुशवाहा इन दिनों लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और RJD के नेताओं पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने रविवार, 5 जनवरी को पार्टी कार्यकर्ताओं को एक खुला पत्र जारी किया, जिसमें उनसे RJD के साथ "एक खास डील" के बारे में चर्चा करने के लिए एक बैठक में शामिल होने का आग्रह किया है.
JDU संसदीय बोर्ड के प्रमुख, उपेंद्र कुशवाहा ने 19 और 20 फरवरी को पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में बैठक के लिए पार्टी नेताओं को न्योता भेजा है.
उपेंद्र कुशवाहा ने अपने लेटर में क्या लिखा है?
उपेंद्र कुशवाहा ने इस खुले पत्र में लिखा है कि 'हमारी पार्टी अपने आंतरिक कारणों से दिन ब दिन कमजोर होती जा रही है. महागठबंधन बनने के बाद हुए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने के समय से ही मैं पार्टी की स्थिति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अवगत कारते आ रहा हूं. पार्टी की ओर से होने वाली बैठकों में भी मैंने अपनी बात को रखा. पिछले एक-डेढ़ महीने से मैंने हर तरीके से अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाने की कोशिश की. मेरी कोशिश आज भी जारी है.'
'मेरी तमाम कोशिशों के बावजदू सीएम नीतीश की ओर से मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की गई बल्कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है. मेरी चिंता और जहां तक मैं समझता हूं आप सभी की चिंता भी इस बात को लेकर है कि अगर जदयू बिखर गया तो उन करोड़ों लोगों का क्या होगा, जिनके अरमान इस दल के साथ जुड़े हुए हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े कष्ट सहकर और अपनी कुर्बानी देकर इसके निर्माण में अपना योगदान दिया है.'उपेंद्र कुशवाहा
कुशवाहा ने आगे लिखा- 'राजद के साथ 'एक खास डील' और जेडीयू का आरजेडी के साथ विलय की चर्चाओं ने पार्टी के निष्ठावान नेताओं और कार्यकर्ताओं को झकझोर कर रख दिया है. ऐसी स्थिति में हम सबके सामने राजनीतिक शून्यता की स्थिति बनती जा रही है. ऐसी परिस्थिति में पार्टी समय आ गया है कि हम इस मुद्दे पर विमर्श करें.'
"मैं बीजेपी में क्यों शामिल होऊंगा? मैं तो JDU को बचाने कोशिश कर रहा हूं"
मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "जिनके पास मेरे सवालों का जवाब नहीं है वो हीं मेरे बीजेपी में शामिल होने की अफवाह फैला रहे हैं. मैं बीजेपी में क्यों शामिल होना चाहूंगा? जब मैं JDU को बचाने की कोशिश कर रहा हूं."
उपेंद्र कुशवाहा ही बता सकते हैं कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है- ललन सिंह
उपेंद्र कुशवाहा के खुले पत्र पर पार्टी अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कहा कि उनकी कोई भी इच्छा हो उसे पार्टी के मंच पर उठाना चाहिए.
"उपेंद्र कुशवाहा ही बता सकते हैं कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है और उनकी मंशा क्या है. यदि किसी व्यक्ति को अपनी पार्टी से समस्या है और उसके इरादे सही हैं, तो वह पार्टी के मंच पर बोलेगा लेकिन इसके बजाय, वह इसके बारे में सार्वजनिक रूप से बोल रहे हैं, तो कुछ गलत है"ललन सिंह
उपेंद्र कुशवाहा के बयानों पर तेजस्वी ने साधी चुप्पी है, कहा था- लोग सब समझ रहे
एक दिन पहले , बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से कुशवाहा के बयानों के संबंध में पूछा गया तब उन्होंने साफ लहजे में कहा कि लोग सब समझ रहा है. इसमें प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत नहीं है.
पटना में शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने साफ लहजे में कहा कि इससे महागठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि समझने वाला सब समझ रहा.
उन्होंने आगे कहा कि मुझे उपेंद्र कुशवाहा के आरोपों पर कोई सफाई नहीं देना है, इसको जस्टिफाई करने की क्या जरूरत है. बिहार में सबको मालूम है कि हमने राज्य के हर एक तबके के लिए क्या किया और क्या नहीं किया है. हमलोग किसी के भी आरोप का जवाब अपने काम से देते हैं. उन्होंने कहा कि कोई कुछ भी बोलता है ,उसको छोड़िये, क्यों चिंता कर रहे हैं. बिहार के लोग राजनीतिक रूप से बड़े जागरूक लोग होते हैं. समझदार लोग सबकुछ समझ रहा है.
बता दें कि पिछले दिनों उपेंद्र कुशवाहा ने एक समारोह में RJD और लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा था कि लालू परिवार और नीतीश कुमार बिहार में करीब 35 साल तक शासन किया, लेकिन अति पिछड़ों को हक मारी गई. एक परिवार को बढ़ाने का काम हुआ. कभी भी सत्ता पर अति पिछड़ों को मजबूत हिस्सेदारी नहीं दी गई.
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