उत्तराखंड की चंपावत सीट पर 31 मई को चुनाव होंगे. इस सीट से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनावी मैदान में हैं. उपचुनाव की घोषणा के साथ ही चंपावत में आचार संहिता लागू हो गई है.
बता दें, सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए यह चुनाव जीतना जरूरी है. क्योंकि, वह खटीमा से विधानसभा का चुनाव हार गए थे. धामी ने 23 मार्च को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
31 मई को मतदान, 3 जून को परिणाम
चुनाव आयोग ने चंपावत उपचुनाव के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है. उत्तराखंड के चंपावत विधानसभा उपचुनाव के लिए 31 मई को मतदान होगा. इसके लिए 11 मई को नामांकन दाखिल किया जा सकता है. 12 मई को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 17 मई को नाम वापसी की अंतिम तिथि रखी गई है. इसके बाद 31 मई को मतदान होगा. फिर 3 जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे. ऐसे में 3 जून को पता चल जाएगा की धामी अपनी कुर्सी पर बने रहेंगे या नहीं.
कैलाश गहतोड़ी ने ऑफर की थी अपनी सीट
कैलाश गहतोड़ी बीजेपी के पहले विधायक थे, जिन्होंने सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट ऑफर की थी. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम 10 मार्च को जब घोषित हुए तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अप्रत्याशित रूप से अपनी परंपरागत सीट खटीमा से चुनाव हार गए थे.
चंपावत सीट जातिगत आधार पर बीजेपी के मुफीद
चंपावत सीट को जातिगत समीकरणों के आधार पर धामी के लिए आसान माना जा रहा है. पहाड़ी जिले की इस सीट पर करीब 54 फीसदी ठाकुर मतदाता हैं. सीएम धामी भी ठाकुर हैं. इस सीट पर 24 फीसदी ब्राह्मण हैं. ब्राह्मणों को परंपरागत रूप से बीजेपी का वोटर माना जाता है. चंपावत सीट पर 18 फीसदी दलित और चार फीसदी मुस्लिम वोटर भी हैं. इस तरह वोटों के गुणा-गणित को देखते हुए बीजेपी ने सीएम धामी को चंपावत से उपचुनाव लड़ाना मुफीद समझा.
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