लोक सभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की वाराणसी (Varanasi) हॉट सीट बनी हुई है. वजह है कि इसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) एक बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले दो चुनावों से यहां से शानदार जीत दर्ज करने वाले नरेंद्र मोदी इसबार भी दौड़ में सबसे आगे दिख रहे हैं. हालांकि उनके खिलाफ खड़े होने वाले उम्मीदवार मुकाबले को दिलचस्प बनाते हैं.
इस सीट पर 1 जून को वोट डाले जाएंगे.
चलिए हम आपको यहां बताते हैं कि इस सीट का नंबर गेम क्या है? वाराणसी बीजेपी या कांग्रेस, किसका गढ़ रहा है? इस बार यहां कौन-कौन चुनावी मैदान में है?
पीएम मोदी को कौन-कौन दे रहा चुनौती?
बीजेपी की पहली लिस्ट में साफ हो गया था कि पीएम मोदी तीसरी बार वाराणसी सीट से लोक सभा का चुनाव लड़ेंगे. पिछले दो चुनावों को देखें तो पीएम मोदी को इस सीट से हराना हद से ज्यादा मुश्किल नजर आता है. आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने 2019 के चुनाव में विशाल 45 फीसदी के मार्जिन से जीत दर्ज की थी.
विपक्ष के INDIA गुट में शीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत ये सीट कांग्रेस के खाते में गई है. कांग्रेस ने इस बार भी यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है. पिछले तीनों चुनाव अजय राय इस सीट से हार चुके हैं. हालांकि उनका वोट शेयर हर चुनाव में बढ़ा है.
अखिल भारत हिंदू महासभा (एबीएचएम) की उम्मीदवार किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. हिमांगी सखी ट्रांसजेंडर समुदाय को उनका हक और सम्मान दिलाने के लिए मैदान में उतरी हैं. चुनाव आयोग के अनुसार, 2024 में ट्रांसजेंडर समुदाय के 48,044 मतदाता वाराणसी सीट पर पंजीकृत थे. 2019 में यह संख्या 39,683 ही थी.
पिछले चुनावों पर नजर
2019 में नरेंद्र मोदी ने इस सीट 45.2% के अंतर से जीत हासिल की थी. मोदी को 6,74,664 वोट (63.6% वोट शेयर) मिले थे. समाजवादी पार्टी 18.4% वोट के साथ दूसरे पायदान पर थी और कांग्रेस के अजय राय 14.4% वोट के साथ तीसरे पायदान पर थे.
2014 में पीएम मोदी को यहां से 5,81,022 वोट (56.4% वोट शेयर) मिले थे. वहीं AAP के अरविंद केजरीवाल 20.3% वोट के साथ दूसरे पायदान पर थे और कांग्रेस के अजय राय 7.3% वोट के साथ तीसरे पायदान पर थे.
2009 में बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी 30.5% वोट के साथ जीते थे. बीएसपी 27.9% वोट के साथ दूसरे पायदन पर थी और तब बीजेपी से समाजवादी पार्टी में आए अजय राय 18.6% वोट के साथ तीसरे पायदान पर थे.
वाराणसी दशकों से बीजेपी का गढ़ बना हुआ है. 1957 के बाद से, बीजेपी ने 7 बार और कांग्रेस ने 6 बार ये सीट जीती है. एक हार को छोड़ दें तो 1991 के बाद से बीजेपी का यहां वर्चस्व है. 2004 में यहां कांग्रेस को जीत मिली.
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर भी इस सीट से 1977 में लड़ चुके हैं और भारी मार्जिन - 47.9% के अंतर से जीत चुके हैं. वाराणसी उत्तर प्रदेश के उन निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है जहां समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी ने कभी जीत हासिल नहीं की है.
वाराणसी का नंबर गेम
वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में कुल आबादी का 75% हिंदू हैं, 20% मुस्लिम हैं और 5% अन्य धर्मों से हैं. 65% प्रतिशत आबादी शहरी और 35% ग्रामीण हैं. कुल निवासियों में से 10.1% अनुसूचित जनजाति (ST) से हैं और अनुसूचित जाति (SC) 0.7% है.
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