भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक बिस्वजीत दास और पार्षद मनोतोष नाथ 31 अगस्त को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए. अप्रैल में हुए विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की बड़ी जीत के बाद, वो सत्तारूढ़ टीएमसी के खेमे में आने वाले तीसरे नेता हैं.
पत्रकारों से बात करते हुए, दास ने कहा, "कुछ गलतफहमियों के कारण, कुछ बदलाव किए गए जो नहीं किए जाने चाहिए थे. मैं अब अपने घर लौट आया हूं और अपने राज्य और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए काम करना जारी रखूंगा."
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बीजेपी द्वारा शुरू की गई दलबदल विरोधी कानून प्रक्रिया के संबंध में दास को पत्र लिखा.
दास का बीजेपी से बाहर होना, बिष्णुपुर के विधायक तन्मय घोष के तृणमूल कांग्रेस में वापस आने और जून में दिग्गज मुकुल रॉय की वापसी के एक दिन बाद हुआ.
दोनों नेताओं ने विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर, बीजेपी का हाथ थाम लिया था. वहीं, रॉय 2017 में बीजेपी में शामिल हुए थे.
घोष और रॉय की भी 'घर वापसी'
30 अगस्त को, बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले तन्मय घोष भी वापस तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
जून में, कृष्णानगर से चुनाव जीतने वाले विधायक मुकुल रॉय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में वापस टीएमसी ज्वाइन की थी. रॉय बीजेपी में जाने से पहले तृणमूल कांग्रेस में महासचिव थे. मुकुल रॉय के पार्टी छोड़ने के पीछे वजह सुवेंदु अधिकारी को आगे बढ़ाना माना गया था. इसके अलावा, रॉय को मिली जेड सिक्योरिटी कवर को भी हटा लिया गया था.
टीएमसी में ये भी हुए शामिल
जून में, उत्तर बंगाल में अलीपुरद्वार जिला बीजेपी अध्यक्ष गंगा प्रसाद सरमा टीएमसी में शामिल हो गए थे. इसके अलावा, बिरभूम में 300 कार्यकर्ता भी वापस टीएमसी में शामिल हुए थे.
विधानसभा चुनाव में, ममता बनर्जी की टीएमसी ने राज्य में लगातार तीसरी बार सत्ता में आते हुए भारी बहुमत से बीजेपी को हराया था.
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