पश्चिम बंगाल में बुधवार को बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कोलकाता पुलिस मुख्यालय तक पार्टी के मार्च में हिस्सा लिया, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें की.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच, पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष दिलीप घोष, सांसद एस.एस. अहलूवालिया और मुकुल रॉय की अगुवाई में लालबाजार तक 'निंदा मार्च' शुरू किया. ये प्रदर्शन बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कथित हत्या के खिलाफ और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के खराब होने की वजह से आयोजित किया गया.
बता दें, बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद भी हिंसा जारी है. बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें कई बार सामने आई हैं. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि चुनाव बाद हिंसा में 10 मारे गए लोगों में से आठ उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से हैं, जबकि दो बीजेपी से हैं. उन्होंने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर मृतकों की संख्या गलत बताने का आरोप लगाया.
वहीं, बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने सोमवार को दावा किया था कि चुनाव बाद हिंसा में बीजेपी के सात कार्यकर्ता मारे गए हैं, जबकि तीन अन्य लापता हैं और उनके मारे जाने का अंदेशा है.
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पुलिस के लाठीचार्ज में घायल कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने अस्पताल पहुंचे कैलाश विजयवर्गीय
बीजेपी महासचिव ने कहा, "जब तक ममता जी का अहंकार नहीं टूटेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा"
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “आज बहुत दिनों बाद पश्चिम बंगाल सरकार की अप्रजातांत्रिक सरकार के खिलाफ प्रजातांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे थे. फिर ममता जी ने अपना अप्रजातांत्रिक हिटलरशाही वाला रूप दिखाया. लगभग पचास हजार से ज्यादा कार्यकर्ता थे, अचानक आंसू गैंस के गोले दागे गए. हम पर लाठी चार्ज किया. काफी कार्यकर्ता घायल हुए हैं. लेकिन हम इस हिटलरशाही के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे. जब तक ममता जी का अहंकार नहीं टूटेगा, तब तक प्रजातांत्रिक तरीके से हमारा आंदोलन चलता रहेगा.”