30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव (Bhabanipur Bypolls) में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के खिलाफ वकील प्रियंका टिबरेवाल को उतारा है. टिबरेवाल पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के मामलों की वकील हैं. बीजेपी ने 10 सितंबर को उपचुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें भवानीपुर से प्रियंका टिबरेवाल, समसेरगंज से मिलन घोष और जंगीपुर से सुजीत दास को मैदान में उतारा गया है.
मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी का ये चुनाव जीतना अहम है. अप्रैल में हुए विधानसभा चुनावों में, बनर्जी को नंदीग्राम में बीजेपी उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी के हाथों हार झेलनी पड़ी थी.
पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने दावा किया है कि बनर्जी को नंदीग्राम की तरह भवानीपुर में एक और हार का सामना करना पड़ेगा.
दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई
प्रियंका टिबरेवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर्स की डिग्री ली है और कोलकाता यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है. वो कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं. उन्होंने थाइलैंड के असेम्प्शन यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री भी हासिल की है.
पार्टी कार्यकतार्ओं का कहना है कि टिबरेवाल राज्य सरकार के अत्याचारों के पीड़ितों का बचाव करने से लेकर रानीगंज दंगा मामले और पुरुलिया हत्या मामले जैसे कई मामलों को संभाल रही हैं और हमेशा न्याय और स्वतंत्रता के लिए खड़ी रही है.
टिबरेवाल ने बीजेपी में भी कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं और राज्य की पदाधिकारी रही हैं.
उन्होंने पश्चिम बंगाल में हाल ही में चुनाव के बाद की हिंसा की घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, अभिजीत सरकार की हत्या के लिए न्याय की मांग करने के लिए मामलों को कलकत्ता हाईकोर्ट में लाया. टिबरेवाल सीबीआई जांच के लिए अदालती आदेश प्राप्त करने में सफल रही हैं और चुनाव बाद हिंसा के मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन भी किया है.
कानूनी सलाहकार से युवा नेता
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के कानूनी सलाहकार के रूप में सेवा देने के बाद, टिबरेवाल 2014 में उनके कहने पर बीजेपी में शामिल हुईं.
2020 से, टिबरेवाल पश्चिम बंगाल में बीजेपी की यूथ विंग की वाइस प्रेसीडेंट का पद संभाल रही हैं. पार्टी सूत्रों का दावा है कि वो बंगाल में पार्टी की 'सक्रिय और मुखर युवा नेता' हैं.
2021 विधानसभा चुनावों में, टिबरेवाल ने एंटली से चुनाव लड़ा, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार से 58,000 से ज्यादा वोटों से हार गईं.
(IANS के इनपुट्स के साथ)
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