पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने ईद के मौके पर धार्मिक एकता का संदेश देते हुए बीजेपी को निशाने पर लिया है. बीजेपी उन पर लगातार आरोप लगा रही है कि उन्हें ‘जय श्री राम’ के नारे से परहेज है. इन आरोपों के बीच उन्होंने कोलकाता में कहा- ''त्याग का नाम है हिंदू, ईमान का नाम है मुसलमान, प्यार का नाम है ईसाई, सिखों का नाम है बलिदान. ये है हमारा प्यारा हिंदुस्तान. इसकी रक्षा हम लोग करेंगे. जो हमसे टकराएगा वो चूर-चूर हो जाएगा. ये हमारा नारा है.''
इसके साथ ही ममता ने कहा, ''डरने की जरूरत नहीं है. मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंजूर-ए-खुदा होता है. कभी-कभी जब सूरज निकलता है तो उसकी किरणें काफी तेज होती हैं, लेकिन बाद में वो हल्की हो जाती हैं. डरो मत, जितनी तेजी से वो ईवीएम पर कब्जा करेंगे, उतनी ही तेजी से चले भी जाएंगे.''
ममता का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इशारों-इशारों में कहा है कि ममता सरकार शायद ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाए.
विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा था, ''हम नहीं जानते कि टीएमसी सरकार 2021 तक बंगाल में बनी रहेगी या नहीं. हम यह चाहते हैं, लेकिन हम निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि वो ऐसा कर पाएगी क्योंकि जनता और पार्टी नेता सरकार के कामकाज से नाराज हैं.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि लगातार दो बार सत्ता में आने के बावजूद टीएमसी ने बंगाल के लोगों की सेवा का मौका गंवा दिया.
बता दें कि पिछले कुछ समय में पश्चिम बंगाल में बीजेपी का प्रभाव तेजी से बढ़ा है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में यहां की कुल 42 सीटों में से 18 पर बीजेपी को जीत मिली है. बात टीएमसी की करें तो उसे 22 सीटें मिली हैं, जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उसने 34 सीटें जीती थीं.
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