ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सीएम चुनी गई हैं. पिछले कई महीनों से बंगाल खूब चर्चा में रहा, यहां बीजेपी और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर बताई गई, लेकिन नतीजों ने बता दिया कि पश्चिम बंगाल में ममता की कितनी मजबूत पकड़ है. अब ममता बनर्जी ने शपथ लेते ही बीजेपी और केंद्र सरकार पर चौथरफा हमला शुरू कर दिया है. बीजेपी भले ही बंगाल हिंसा को लेकर ममता को घेरने की कोशिश कर रही हो, लेकिन ममता ने कोरोना महामारी और वैक्सीनेशन को लेकर सरकार की दुखती रग पर हाथ रखना शुरी कर दिया है.
केंद्र के खिलाफ एक्शन में ममता 3.0
अब आप सोच रहे होंगे कि ममता ऐसा क्या कर रही हैं, जो इसे बीजेपी पर चौतरफा हमला कहा जा रहा है. तो इसका जवाब चुनाव जीतने के बाद ममता के तेवर बताते हैं. जिस तरह से वो लगातार कोरोना महामारी और जनता से जुड़ी बाकी चीजों को लेकर केंद्र के पीछे पड़ गई हैं, उससे यही लगता है कि अब ममता 3.0 खुलकर खेलने के मूड में हैं.
ममता बनर्जी ने चुनाव में जीत के बाद तुरंत पीएम मोदी को एक लेटर लिखा. जिसमें उन्होंने कहा कि देशभर के लोगों को इस वक्त वैक्सीन की सबसे ज्यादा जरूरत है, ऐसे में केंद्र सरकार को 30 हजार करोड़ रुपये वैक्सीन के लिए निकालने चाहिए. जिससे पूरे देश के लोगों को फ्री वैक्सीन मिल पाए. इसी तरह की मांग केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी की थी.
फ्री वैक्सीन पर जवाब क्यों नहीं मिला?
लेकिन अब ममता बनर्जी ने एक बार फिर पीएम मोदी से पूछा है कि उन्हें अब तक जवाब क्यों नहीं मिला है? ममता ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि, केंद्र की तरफ से अब तक मुझे ये जवाब नहीं दिया गया है कि लोगों को फ्री वैक्सीन देने के लिए केंद्र 30 हजार करोड़ का फंड दे रहा है या फिर नहीं.
इस बार ममता यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने इसी बहाने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का भी जिक्र कर दिया. ममता ने केंद्र सरकार से कहा कि अगर संसद भवन की नई बिल्डिंग और स्टेच्यू बनाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं, तो लोगों को फ्री में कोरोना वैक्सीन देने के लिए फंड क्यों नहीं दिया जा रहा है?
इससे पहले प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में ममता बनर्जी ने केंद्र की वैक्सीनेशन पॉलिसी पर सवाल भी उठाए थे. ममता बनर्जी ने वैक्सीनेशन पॉलिसी को जिम्मेदारियों से बचने का एक खोखला दिखावा बताया था. ममता ने केंद्र से ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की उचित सप्लाई की भी मांग की थी.
बंगाल पहुंच रहे बीजेपी नेता, ममता ने ऐसे दिया जवाब
अब ममता का एक और दांव आपको बताते हैं. बंगाल चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन नतीजों के बाद हुई हिंसा को लेकर बीजेपी एक बार फिर ममता पर हमलावर हो गई. ममता को घेरने के लिए खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत दिल्ली से कई लोग बंगाल पहुंच गए. लेकिन अब बीजेपी की इस रणनीति पर ममता ने अपने ही तरीके से जवाब दिया है.
ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना महामारी के इस खतरनाक दौर में दिल्ली से टीम आती है और यहां चाय पीकर वापस लौट जाती है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. बीजेपी नेता ही कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार हैं. अब दिल्ली से कोई भी मंत्री अगर बंगाल आता है तो उसे कोरोना की नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी. फिर चाहे वो किसी स्पेशल फ्लाइट्स से ही क्यों न आ रहे हों. अब सभी के लिए एक ही नियम लागू होगा.
ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल आने की बजाय बीजेपी नेताओं को कोरोना हॉस्पिटलों में दौरा करना चाहिए, जिससे लोगों को कुछ मदद मिल पाए. ममता ने पूछा कि पीएम केयर्स फंड आखिर कहां गया? हम अपने युवाओं की जिंदगी खतरे में क्यों डाल रहे हैं.
पुलिस अधिकारियों के तबादले, मुआवजे का ऐलान
इसके अलावा ममता बनर्जी ने बीजेपी के उन तमाम आरोपों को लेकर एक लाइन में जवाब दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि ममता के इशारों पर बंगाल में हिंसा हुई और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. ममता ने इसका जवाब देते हुए कहा कि, जब बंगाल में हिंसा हुई तो कानून-व्यवस्था चुनाव आयोग देख रहा था. मुझे मुख्यमंत्री बने 24 घंटे भी नहीं हुए हैं. ममता ने बताया कि 16 लोगों की हिंसा में मौत हुई, जिनके परिवारों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
ममता ने एक बार फिर कुर्सी संभालने ही एक्शन मोड में आते हुए एक के बाद एक तबालदे कर डाले, कुल 29 पुलिस अधिकारियों का तबादला हुआ. साथ ही कूच बिहार के एसपी को सस्पेंड कर दिया. कूच बिहार में मतदान के दौरान हुई हिंसा के दौरान सुरक्षाबलों की फायरिंग में 4 लोगों की मौत हो गई थी.
पीएम मोदी के चुनावी वादे पर ममता की मांग
अब ममता ने सीएम पद की शपथ लेते ही पीएम किसान योजना को लेकर भी प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखी है. ममता ने पीएम मोदी को उनके बंगाल में दिए गए भाषण को लेकर ही घेर डाला. उन्होंने कहा कि आपने बंगाल के किसानों से बार-बार कहा था कि, उन्हें पीएम किसान योजना के बकाया 18-18 हजार रुपये देंगे. इसीलिए आप अब संबंधित मंत्रालय को इस बारे में निर्देश दीजिए और जल्द से जल्द 21.79 लाख किसानों को 18-18 हजार रुपये मुहैया कराइए.
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