पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद राजनीतिक रैलियां और सभाएं भले ही थम गई हों, लेकिन घमासान अब भी जारी है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के बीच तीखी बयानबाजी लगातार तेज हो रही है. अब ममता बनर्जी ने राज्यपाल धनखड़ को भ्रष्ट बताया है. साथ ही बताया है कि राज्यपाल को हटाने के लिए वो तीन बार चिट्ठी लिख चुकी हैं. ममता के इन आरोपों के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी जवाब दिया है.
चार्जशीट में शामिल था राज्यपाल धनखड़ का नाम- ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के रिश्ते पहले से ही ठीक नहीं थे. चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा ने इन्हें और खराब कर दिया. इसके बाद से लगातार धनखड़ ममता सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं.
अब इसी लड़ाई के बीच ममता बनर्जी ने जगदीप धनखड़ पर एक बड़ा आरोप लगा दिया. उन्होंने अपने बयान में कहा,
"मैंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को हटाने के लिए तीन बार चिट्ठी लिखी है. वो एक भ्रष्ट आदमी हैं. उनका नाम 1996 में हवाला जैन केस में सामने आया था. इस केस की चार्जशीट में उनका नाम शामिल था. लेकिन कोर्ट से मामला क्लियर हो गया. इसे लेकर फिर से याचिका दायर की गई, जिस पर अब तक फैसला नहीं आया है. केंद्र सरकार ऐसे राज्यपाल को मंजूरी क्यों देती है."
ममता के आरोपों का राज्यपाल ने दिया जवाब
अब ममता बनर्जी के इस बड़े आरोप पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी जवाब दिया. उन्होंने ममता को जवाब देते हुए कहा कि,
"आपका राज्यपाल कभी चार्जशीट में शामिल नहीं था. इसका कोई भी दस्तावेज नहीं है. ये गलत जानकारी है. एक सीनियर राजनीतिक नेता से मैं ऐसी उम्मीद नहीं करता हूं. मैं किसी भी हालात में झुकने वाला नहीं हूं. मैं पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा के लिए वो करूंगा जो मैं कर सकता हूं."
हालांकि जब राज्यपाल से पूछा गया कि क्या वो इस बयान को लेकर सीएम ममता के खिलाफ कोई लीगल एक्शन लेंगे? तो इसके जवाब में राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि, अब तक भारतीय संस्कृति में किसी ने अपनी छोटी बहन के खिलाफ एक्शन नहीं लिया है. मैं भी ये नहीं करूंगा. मैं दुखी हूं. ममता जी काफी परिपक्व नेता हैं उन्होंने ऐसा क्यों किया?
बता दें कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा को लेकर लगातार ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर हमलावर हैं. इसके अलावा उन्होंने मुकुल रॉय के बीजेपी छोड़कर टीएमसी में शामिल होने के बाद दल बदल कानून को सख्ती से लागू करने की बात कही थी. वहीं दूसरी तरफ टीएमसी भी लगातार राज्यपाल पर हमलावर है, नेताओं का कहना है कि राज्यपाल सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं. साथ ही कुछ दिन पहले राजभवन में हुई कुछ नियुक्तियों को लेकर भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर आरोप लगाए गए थे.
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