पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) की ओर से बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में दो केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने के तुरंत बाद, तृणमूल कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने राज्यपाल पर अपनी संवैधानिक सीमा को पार करने का आरोप लगाया. बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों प्राद जोशी और प्राद सिंह पटेल से मुलाकात करने वाले धनखड़ के दिल्ली के दो दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी मिलने की संभावना है.
पीएम मोदी और शाह से मिल सकते हैं धनखड़
धनखड़ ने ट्विटर पर कहा, भारत के केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री जोशी के साथ विभिन्न मुद्दों पर उपयोगी बातचीत हुई. बाद में एक अन्य ट्वीट में, बंगाल के राज्यपाल ने कहा, इन निकायों के प्रभाव को बढ़ाने के उद्देश्य से विक्टोरिया मेमोरियल, भारतीय संग्रहालय और एशियाटिक सोसाइटी से संबंधित मुद्दों पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के साथ उपयोगी विचार-विमर्श किया.
धनखड़ की ओर से, जिनके गुरुवार को मोदी और शाह से मिलने की उम्मीद है, उन्हें बंगाल में कथित तौर पर बिगड़ती कानून व्यवस्था के बारे में जानकारी देने की संभावना है.
उन्होंने मंगलवार को ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर प्रतिक्रिया देने और राज्य प्रशासन और सामान्य रूप से पुलिस में लोगों का विश्वास बहाल करने का आग्रह किया था.
हालांकि, राज्य सरकार ने पत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने सचिवालय पहुंचने से पहले ही पत्र को सार्वजनिक कर दिया है.
राज्यपाल ऐसा कह रहे हैं, जो उन्हें नहीं कहना चाहिए- टीएमसी
बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ धनखड़ की बैठक की तृणमूल कांग्रेस और माकपा ने कड़ी आलोचना की. उन्होंने राज्यपाल पर अपनी संवैधानिक सीमाओं को पार करने का आरोप लगाया.
मीडिया से बात करते हुए तृणमूल के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा, मुझे नहीं पता कि वह क्या कर रहे हैं. वह केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे हैं. वह बीजेपी नेताओं के साथ विभिन्न स्थानों पर जा रहे हैं. वह एक विशाल घर में रहते हैं, जिसे उन्होंने एक पार्टी कार्यालय में बदल दिया है. वह कुछ ऐसा कह रहे हैं, जो उन्हें नहीं कहना चाहिए.
रॉय ने सवाल पूछते हुए कहा, उन्हें मुख्यमंत्री बनर्जी की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करना चाहिए, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं. उन्हें इससे आगे कुछ नहीं करना है. संविधान में यह कहां लिखा है कि एक राज्यपाल सब कुछ कर सकता है.
वहीं दूसरी ओर, वाम मोर्चा के अध्यक्ष और माकपा के दिग्गज नेता बिमान बोस ने कहा, राज्यपाल अपनी संवैधानिक सीमाओं को लांघ रहे हैं. वह उत्तर बंगाल में भी कुछ स्थानों पर गए और भाजपा नेताओं के साथ गए. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वह खुद किसी भी स्थान पर नहीं जा सकते हैं, लेकिन वह केवल भाजपा नेताओं के साथ ही क्यों जा रहे हैं? वह भाजपा के व्यक्ति नहीं हैं, लेकिन उनकी गतिविधियां भाजपा के व्यक्ति जैसी हैं. हम राज्यपाल से ऐसी उम्मीद नहीं करते.
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